Fri, Dec 26, 2025

BRICS समिट में शामिल होने के लिए PM मोदी रूस हुए रवाना, 2 साल बाद शी जिनपिंग से हो सकती है मुलाकात

Written by:Rishabh Namdev
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BRICS समिट में शामिल होने PM मोदी आज सुबह 7 बजे रूस के लिए रवाना हुए। प्रधानमंत्री मोदी का यह 2 दिन का दौरा भारत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस दौरान PM मोदी कई नेताओं से द्विपक्षीय बातचीत कर सकते हैं।
BRICS समिट में शामिल होने के लिए PM मोदी रूस हुए रवाना, 2 साल बाद शी जिनपिंग से हो सकती है मुलाकात

2 साल बाद शी जिनपिंग से हो सकती है मुलाकात

BRICS समिट में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के लिए रवाना हो गए हैं। दरअसल यह BRICS की 16वीं समिट हो रही है। इस समिट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात कर सकते हैं। वहीं PM मोदी का यह 2 दिन का रूस दौरा रहने वाला है। रूस के कजान शहर में आयोजित होने वाली BRICS समिट में PM मोदी रूसी राष्ट्रपति पुतिन से अहम मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं।

दरअसल BRICS समिट में कुल 28 देश और 5 अंतरराष्ट्रीय संगठन हिस्सा लेने वाले हैं। इस दौरान PM मोदी कई नेताओं से द्विपक्षीय बातचीत कर सकते हैं। हालांकि यह न सिर्फ भारत के नजरिए से महत्वपूर्ण समिट है, बल्कि इसे सभी देशों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

आज शाम PM मोदी BRICS लीडर्स के साथ करेंगे डिनर

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह पिछले 4 महीनों में दूसरा रूस दौरा हैं। दरअसल PM मोदी इससे पहले जुलाई में दोनों देश के बीच हुए शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने रूस पहुंचे थे। जानकारी के मुताबिक आज शाम PM मोदी BRICS लीडर्स के साथ डिनर करेंगे। इस दौरान वे रूस के राष्ट्रपति पुतिन और चीन के से राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही PM मोदी इस समिट के दौरान कई लीडर्स के साथ अनौपचारिक बातचीत कर सकते है।

BRICS मीटिंग में PM मोदी और शी जिनपिंग की हो सकती है मुलाकात

वहीं विदेश मंत्रालय के अनुसार बुधवार को BRICS की मीटिंग में PM मोदी हिस्सा लेंगे। BRICS की मीटिंग दो सेशन में आयोजित की जाएगी। जानकारी के मुताबिक बंद कमरे में BRICS लीडर्स के बीच बातचीत होगी। जिसमें PM नरेंद्र मोदी भी कई देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत कर सकते हैं। वहीं जानकारी दे दें कि PM मोदी इस BRICS समिट में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत कर सकते हैं। अगर मीटिंग संभव होती है तो 2 साल बाद दोनों नेता आपस में बातचीत करेंगे।