सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर भव्य समारोह, पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर किया नमन

देश ने आज अपने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को याद किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रीय एकता दिवस पर गणतंत्र दिवस जैसी भव्य परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

देश के प्रथम उपप्रधानमंत्री और भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के नर्मदा जिले स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सुबह-सुबह जैसे ही पीएम मोदी ने मूर्ति पर पुष्प अर्पित किए, पूरा माहौल सरदार पटेल अमर रहें के नारों से गूंज उठा।

पीएम मोदी ने सरदार पटेल की मूर्ति के सामने कुछ पल मौन रखकर राष्ट्र की एकता, अखंडता और समरसता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इस मौके पर उन्होंने कहा, सरदार साहब ने जिस भारत का सपना देखा था, हम उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उनका जीवन हमें हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।

राष्ट्रीय एकता दिवस पर भव्य परेड

प्रधानमंत्री मोदी ने श्रद्धांजलि देने के बाद राष्ट्रीय एकता दिवस की शपथ दिलाई। इसके बाद उन्होंने उस परेड का निरीक्षण किया, जो हर साल की तरह इस बार भी भव्य अंदाज़ में आयोजित की गई थी। इस साल की परेड खास इसलिए भी रही क्योंकि इसे गणतंत्र दिवस की परेड की तर्ज पर आयोजित किया गया था। इसमें विभिन्न राज्यों की झांकियां, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और यूनिटी रन जैसे कार्यक्रम भी शामिल थे।

2014 से हर साल मनाया जा रहा है राष्ट्रीय एकता दिवस

साल 2014 में जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने, तभी से 31 अक्टूबर को हर साल राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन सरदार पटेल के अद्भुत योगदान और उनके लौह-संकल्प को नमन करने का प्रतीक बन चुका है। सरदार पटेल को भारत के Iron Man of India के रूप में जाना जाता है। उन्होंने आज़ादी के बाद देश की 562 रियासतों को एक सूत्र में पिरोकर अखंड भारत की नींव रखी थी। अगर उनके दृढ़ निश्चय और नेतृत्व न होते, तो भारत का नक्शा शायद आज इतना संगठित न होता।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

182 मीटर ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में सरदार पटेल की विरासत को जीवित रखती है। यह मूर्ति 31 अक्टूबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को समर्पित की थी। यह दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है, जो एकता, साहस और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। हर साल यहां लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। इस साल सरदार पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर यहां सांस्कृतिक उत्सव, प्रकाश सज्जा, और देशभर से आए कलाकारों की प्रस्तुतियां आयोजित की गईं।

परेड में झलकी देश की विविधता, एकता का संदेश

एकता दिवस की परेड ने विविधता में एकता की सच्ची तस्वीर पेश की। इस साल परेड में देश के अलग-अलग राज्यों से आई झांकियों ने अपनी संस्कृति, लोककला और परंपराओं को प्रदर्शित किया। राजस्थान की लोक नृत्य टोली, असम के बिहू कलाकार, तमिलनाडु की पारंपरिक झांकी और जम्मू-कश्मीर की सांस्कृतिक झलक ने सबका मन मोह लिया। बीएसएफ के जवानों ने ऊंट सवारी दल के साथ शानदार मार्च पास्ट किया, जबकि एनएसजी कमांडो ने स्वदेशी आत्मनिर्भरता का प्रदर्शन करते हुए भारतीय हथियारों और तकनीकी उपकरणों का प्रदर्शन किया।

प्रेरणा और गर्व का दिन

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जैसे हम 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पूरे जोश के साथ मनाते हैं, वैसे ही एकता दिवस भी हमारे लिए गर्व और प्रेरणा का दिन है। उन्होंने बताया कि एकता नगर में मौजूद एकता मॉल और एकता गार्डन देश की एकजुटता का प्रतीक हैं। पीएम मोदी ने कहा कि देशभर में चल रही ‘रन फॉर यूनिटी’ में करोड़ों भारतीयों का उत्साह देखकर गर्व महसूस होता है। यह नई ऊर्जा और नए भारत के संकल्प की झलक दिखाता है।

इतिहास लिखने नहीं, बनाने की सीख

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि एकता दिवस के कार्यक्रमों में भारत की परंपरा, मेहनत और भविष्य की झलक देखने को मिली। उन्होंने बताया कि सरदार पटेल हमेशा कहते थे कि “इतिहास लिखने में वक्त बर्बाद मत करो, इतिहास बनाने की कोशिश करो।” सरदार साहब के फैसले और नीतियां इतनी मजबूत थीं कि उन्होंने देश के इतिहास को नई दिशा दी।


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