प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बेहद अच्छी और विस्तृत बातचीत की। इस दौरान भारत-रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई। यह बातचीत ऐसे समय में हुई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने पुतिन के साथ यूक्रेन के ताजा घटनाक्रम पर चर्चा की और उन्हें इसके लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने इस साल के अंत में भारत में होने वाले 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए पुतिन को भारत आने का निमंत्रण भी दिया। प्रधानमंत्री ने एक आधिकारिक बयान में यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत के लगातार रुख को दोहराया।
संघर्ष को समाप्त करने का आह्वान
भारत ने रूस और यूक्रेन से बातचीत कर इस चार साल पुराने संघर्ष को समाप्त करने का आह्वान किया है। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय एजेंडे में प्रगति की समीक्षा की और भारत-रूस की विशेष रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। यह बातचीत वैश्विक तनावों के बीच भारत और रूस के बीच मजबूत संबंधों को दर्शाती है।
संबंधों में लगातार आती मजबूती
नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन के बीच का रिश्ता भारत-रूस संबंधों का प्रतीक है, जो आपसी विश्वास, रणनीतिक साझेदारी और कूटनीतिक सहयोग पर आधारित है। दोनों नेताओं ने नियमित मुलाकातों, जैसे शिखर सम्मेलनों और ब्रिक्स/SCO जैसे मंचों के माध्यम से संबंधों को मजबूत किया है। 2014 से, मोदी और पुतिन ने रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और तकनीक में सहयोग बढ़ाया है। भारत की रक्षा खरीद, जैसे S-400 सौदा, और रूस की तेल आपूर्ति इस रिश्ते की गहराई दर्शाते हैं। दोनों देश संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक मंचों पर एक-दूसरे का समर्थन करते हैं, जो उनकी मैत्री को और प्रगाढ़ करता है। यह रिश्ता वैश्विक स्थिरता और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को बढ़ावा देता है।





