प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हाल ही में हुई मुलाकात को लेकर कांग्रेस पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने गलवान घाटी में 2020 के संघर्ष और चीन के पाकिस्तान को समर्थन जैसे मुद्दों को उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी का कहना है कि चीन ने भारत के खिलाफ कई नापाक हरकतें की हैं, फिर भी सरकार उससे बातचीत में नरमी बरत रही है। कांग्रेस ने इसे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि गलवान में भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद भी चीन ने सीमा पर अपनी आक्रामकता कम नहीं की। इसके बावजूद, मोदी सरकार ने चीन के साथ व्यापार और कूटनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने की कोशिश की, जो चिंताजनक है। पार्टी ने आरोप लगाया कि चीन द्वारा सीमा पर लगातार उल्लंघन और पाकिस्तान को सैन्य व आर्थिक समर्थन देने के बावजूद सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
गलवान हमले का जिक्र
कांग्रेस ने यह भी पूछा कि क्या सरकार ने शी जिनपिंग के साथ मुलाकात में गलवान और अन्य सीमा विवादों पर स्पष्ट रूप से चर्चा की। पार्टी ने मांग की कि सरकार को संसद में इस मुलाकात का पूरा ब्योरा देना चाहिए और यह स्पष्ट करना चाहिए कि भारत की सुरक्षा और संप्रभुता को लेकर क्या रणनीति अपनाई जा रही है। कांग्रेस ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने चीन के प्रति नरम रवैया जारी रखा, तो यह देश के हितों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
नीतियों पर सवाल उठाए
इसके साथ ही, कांग्रेस ने जनता से अपील की कि वे सरकार की नीतियों पर सवाल उठाएं और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर एकजुट रहें। पार्टी ने जोर देकर कहा कि भारत को अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाने चाहिए और चीन जैसे देशों के साथ कूटनीति में सतर्कता बरतनी चाहिए। यह विवाद एक बार फिर भारत-चीन संबंधों और सरकार की विदेश नीति पर बहस को तेज कर सकता है।





