प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तमिलनाडु के अरियालुर जिले में गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में आदि तिरुवाथिरई उत्सव में भाग लिया। यह मंदिर चोल सम्राट राजेंद्र चोल-1 द्वारा निर्मित है। ‘मुप्पेरुम विझा’ के रूप में मनाया जा रहा यह उत्सव राजेंद्र चोल-1 के दक्षिण पूर्व एशिया के समुद्री अभियान के 1000 वर्ष पूरे होने, उनकी जयंती और मंदिर निर्माण की शुरुआत की स्मृति में आयोजित किया गया। शहर को इस अवसर पर भव्य रूप से सजाया गया था।
प्रधानमंत्री ने वाराणसी से गंगा नदी का पवित्र जल लाकर भगवान सोझीश्वर (शिव) का अभिषेक किया और मंदिर में विशेष दर्शन किए। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने आरती की और मंदिर परिसर का भ्रमण किया। उन्हें पारंपरिक सम्मान के रूप में पूर्ण कुंभ, रेशमी अंगवस्त्रम, पवित्र भस्म और प्रसाद भेंट किया गया।
विशेष स्मारक सिक्का जारी
इस अवसर पर पीएम मोदी ने राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती के उपलक्ष्य में एक विशेष स्मारक सिक्का जारी किया। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित पांच दिवसीय यह उत्सव 23 जुलाई को शुरू हुआ और आज सम्पन्न हुआ। उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की चोल शैव धर्म और मंदिर वास्तुकला पर प्रदर्शनी और हेरिटेज वॉक का भी अवलोकन किया।
देवराम गीत पुस्तिका का विमोचन
समारोह में साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित ‘देवराम गीत’ पुस्तिका का विमोचन हुआ। कलाक्षेत्र ने भरतनाट्यम प्रस्तुति दी, जबकि ओधुवरों ने शैव मठों के प्रमुखों की उपस्थिति में देवराम थिरुमुरई का जाप किया। कार्यक्रम का समापन संगीत उस्ताद पद्म विभूषण इलैयाराजा और उनकी मंडली की संगीतमय प्रस्तुति के साथ हुआ।





