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Fri, Dec 19, 2025

टैरिफ तनाव के बीच पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप के 4 कॉल टाले, रिपोर्ट में बड़ा दावा

Written by:Mini Pandey
Published:
राष्ट्रपति ट्रंप की छवि भारत में भी बदली है, खासकर उनके पाकिस्तान के साथ संबंधों को बढ़ाने की बात और भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का दावा करने के कारण, जिसे भारत ने खारिज किया है।
टैरिफ तनाव के बीच पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप के 4 कॉल टाले, रिपोर्ट में बड़ा दावा

हाल के हफ्तों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चार फोन कॉल्स लेने से परहेज किया है, ऐसा जर्मन अखबार फ्रैंकफर्टर एलगेमाइन ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है। यह कदम अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ के जवाब में देखा जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह मोदी की नाराजगी और सतर्कता को दर्शाता है। जापानी अखबार निक्केई एशिया ने भी दावा किया कि मोदी के इस रवैये से ट्रंप की हताशा बढ़ रही है।

अमेरिका ने भारत के सामानों पर टैरिफ को दोगुना कर 50% कर दिया है, जो ब्राजील के बाद किसी भी देश के लिए सबसे अधिक है। इसमें भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद पर 25% अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है। भारत ने साफ कर दिया है कि वह अमेरिकी दबाव के सामने नहीं झुकेगा। पीएम मोदी ने कहा कि वह भारतीय किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेंगे। रिपोर्ट के अनुसार, यह व्यापारिक टकराव दर्शाता है कि नई दिल्ली वाशिंगटन के दबाव को स्वीकार नहीं करेगी।

संबंधों को बढ़ाने की बात

राष्ट्रपति ट्रंप की छवि भारत में भी बदली है, खासकर उनके पाकिस्तान के साथ संबंधों को बढ़ाने की बात और भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का दावा करने के कारण, जिसे भारत ने खारिज किया है। ट्रंप की दिखावटी और सौदा-केंद्रित कूटनीति दोनों देशों के रिश्तों में तनाव का एक और कारण बन गई है। विश्लेषक मार्क फ्रेजर ने कहा कि अमेरिका की भारत-प्रशांत रणनीति, जिसमें भारत को चीन के खिलाफ केंद्रीय भूमिका निभानी थी, अब कमजोर पड़ रही है।

अमेरिकी टैरिफ का जवाब नहीं

फ्रेजर ने दावा किया कि नई दिल्ली का रुख रणनीतिक है और यह केवल अमेरिकी टैरिफ का जवाब नहीं है। भारत और चीन वैश्विक संस्थानों में प्रभाव बढ़ाने में साझा हित रखते हैं। पीएम मोदी अगस्त के अंत में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के लिए चीन का दौरा करेंगे। यह दौरा बीजिंग के साथ तनाव कम करने और अमेरिका-चीन संबंधों की अनिश्चितता पर नजर रखने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।