MP Breaking News
Wed, Dec 17, 2025

पीएम मोदी की अगुवाई वाली एनडीए ने की संसदीय बैठक, सशस्त्र बलों की प्रशंसा में उठाया यह कदम

Written by:Mini Pandey
Published:
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुआ आतंकी हमला, जिसे भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) द्वारा अंजाम दिया गया बताया, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।
पीएम मोदी की अगुवाई वाली एनडीए ने की संसदीय बैठक, सशस्त्र बलों की प्रशंसा में उठाया यह कदम

मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की संसदीय दल की बैठक में सशस्त्र बलों के शौर्य को सलाम करने वाला एक प्रस्ताव पारित किया गया। यह प्रस्ताव 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव में सैनिकों के अदम्य साहस और समर्पण की सराहना करता है। प्रस्ताव में कहा गया कि सशस्त्र बलों का साहस राष्ट्र की रक्षा के प्रति उनकी अटूट निष्ठा को दर्शाता है। साथ ही, पहलगाम हमले में जान गंवाने वालों के प्रति गहरी संवेदना और सम्मान व्यक्त किया गया।

प्रस्ताव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृढ़ नेतृत्व की भी प्रशंसा की गई। इसमें कहा गया कि उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति, दूरदर्शी नेतृत्व और मजबूत कमान ने न केवल राष्ट्र को दिशा दी, बल्कि सभी भारतीयों के दिलों में एकता और गर्व की नई भावना जगाई। बैठक में भारतीय जनता पार्टी, तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी), जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और अन्य सहयोगी दलों के सांसदों ने हिस्सा लिया।

आतंकवादियों को करारा जवाब

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुआ आतंकी हमला, जिसे भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) द्वारा अंजाम दिया गया बताया, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। प्रस्ताव में पीएम मोदी की उस प्रतिबद्धता की सराहना की गई, जिसमें उन्होंने बिहार के मधुबनी में अपने भाषण के दौरान आतंकवादियों को करारा जवाब देने की कसम खाई थी। इसमें कहा गया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ नई नीति अपनाएगा, जिसमें आतंकी हमले का जवाब भारत की शर्तों पर दिया जाएगा, परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आतंकवाद के स्रोतों पर सटीक और निर्णायक कार्रवाई की जाएगी।

कूटनीतिक पहल की भी सराहना

प्रस्ताव में सरकार के स्वदेशीकरण पर जोर और ऑपरेशन के बाद शुरू की गई कूटनीतिक पहल की भी सराहना की गई। पीएम मोदी ने 59 सांसदों को 32 देशों में भारत का पक्ष रखने के लिए भेजा, जो भारत द्वारा शुरू की गई अब तक की सबसे व्यापक वैश्विक पहल है। इसमें विपक्षी सांसदों की भागीदारी ने भारत की लोकतांत्रिक परिपक्वता और पीएम के राष्ट्रीय हित में एकजुटता के विश्वास को दर्शाया। प्रस्ताव में कहा गया कि आतंकवाद का शिकार होने के बावजूद, भारत ने वैश्विक मंच पर यह स्पष्ट किया कि आतंकवाद किसी भी रूप में मानवता के खिलाफ अपराध है।