प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर को पंजाब के गुरदासपुर का दौरा करेंगे, जहां वह हाल के वर्षों में आई सबसे भयावह बाढ़ से प्रभावित लोगों और किसानों से मुलाकात करेंगे। इस दौरे के दौरान, वह राहत कार्यों और पुनर्वास प्रयासों की समीक्षा करेंगे। बाढ़ के कारण कई गांव जलमग्न हो गए हैं और फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। बीजेपी की पंजाब इकाई ने एक्स पर घोषणा की कि पीएम मोदी प्रभावित लोगों के दुख को साझा करने और उनकी हर संभव मदद करने के लिए कदम उठाएंगे।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार पंजाब को इस संकट में अकेला नहीं छोड़ेगी। पीएम का दौरा तात्कालिक और दीर्घकालिक पुनर्प्राप्ति उपायों पर केंद्रित होगा, जिसमें खेतों से गाद हटाना, बीमारियों की रोकथाम और बाढ़ के पानी के उतरने के बाद मृत पशुओं का सुरक्षित निपटान शामिल है। इसके अलावा, सतलुज, ब्यास, रावी और घग्गर नदियों के तटबंधों को मजबूत करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया जाएगा, जो अवैध खनन और रखरखाव की कमी के कारण कमजोर हो गए हैं।
1900 से अधिक गांव जलमग्न
पंजाब में भारी मॉनसून बारिश ने 23 जिलों के 1,900 से अधिक गांवों को जलमग्न कर दिया है, जिसमें कम से कम 43 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 1.71 लाख हेक्टेयर में फसलें नष्ट हो गई हैं। कई खेत अभी भी पानी में डूबे हैं, नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और भूस्खलन व बाढ़ के कारण कई राजमार्ग अवरुद्ध हैं। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर राहत और पुनर्वास कार्यों को लागू करेंगे ताकि प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति सामान्य हो सके।
स्थिति का लेंगे जायजा
पीएम मोदी का यह दौरा अन्य बाढ़ प्रभावित उत्तरी राज्यों के दौरे के साथ भी जुड़ा है, जहां वह स्थिति का जायजा लेंगे और राहत उपायों की समीक्षा करेंगे। हिमाचल प्रदेश में 95 फ्लैश फ्लड, 45 बादल फटने की घटनाएं और 132 बड़े भूस्खलन दर्ज किए गए हैं, जिसमें 355 लोगों की मौत हुई और 3,787 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कश्मीर घाटी भी लगातार बारिश के कारण देश से कटी हुई है और जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई प्रमुख सड़कें अवरुद्ध हैं।





