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Fri, Dec 19, 2025

पीएम मोदी करेंगे जापान और चीन की यात्रा, अहम शिखर सम्मेलनों में होंगे शामिल; क्या है एजेंडा

Written by:Mini Pandey
Published:
चीनी राजदूत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को धमकाने वाला करार देते हुए कहा कि अमेरिका ने लंबे समय तक मुक्त व्यापार का लाभ उठाया, लेकिन अब शुल्कों को सौदेबाजी के हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। य
पीएम मोदी करेंगे जापान और चीन की यात्रा, अहम शिखर सम्मेलनों में होंगे शामिल; क्या है एजेंडा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अगस्त से दो देशों की यात्रा पर जाएंगे, जहां वे जापान और चीन में उच्च-स्तरीय बैठकों में हिस्सा लेंगे। जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के निमंत्रण पर वे 29-30 अगस्त को 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने टोक्यो जाएंगे। यह उनकी जापान की आठवीं यात्रा होगी और प्रधानमंत्री इशिबा के साथ पहला शिखर सम्मेलन होगा। दोनों नेता भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी की समीक्षा करेंगे, जिसमें रक्षा, व्यापार, प्रौद्योगिकी और लोगों के बीच आदान-प्रदान जैसे क्षेत्र शामिल होंगे।

इसके बाद, पीएम मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। इस दौरान वे कई अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। भारत 2017 से एससीओ का सदस्य है और 2022-23 के दौरान इसकी परिषद के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुका है। यह यात्रा दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को और मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगी।

भारत और चीन के रिश्ते

हाल ही में, भारत और चीन ने पांच साल बाद तीन सीमा व्यापार बिंदुओं – हिमाचल प्रदेश के शिपकी ला पास, उत्तराखंड के लिपुलेख पास और सिक्किम के नाथु ला पास – को फिर से खोलने की घोषणा की है। ये व्यापार बिंदु 2020 में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए बंद कर दिए गए थे और सीमा पर तनाव के कारण इन्हें फिर से शुरू करने में देरी हुई थी। यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों को सामान्य करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

टैरिफ के मुद्दे पर चर्चा

चीन ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए शुल्कों के मुद्दे पर भी भारत का समर्थन किया है। चीनी राजदूत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को धमकाने वाला करार देते हुए कहा कि अमेरिका ने लंबे समय तक मुक्त व्यापार का लाभ उठाया, लेकिन अब शुल्कों को सौदेबाजी के हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। यह बयान दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग और साझा हितों को दर्शाता है।