प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कुआलालंपुर में आयोजित 47वें आसियान शिखर सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने भारत और आसियान के बीच बढ़ती साझेदारी पर प्रकाश डाला और घोषणा की कि 21वीं सदी भारत और आसियान की सदी है। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि ‘आसियान कम्युनिटी विजन 2045’ और ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य सभी मानवता के लिए एक उज्जवल और समृद्ध भविष्य बनाएंगे।” पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत और आसियान, जो विश्व की लगभग एक-चौथाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं, केवल भौगोलिक रूप से ही नहीं, बल्कि साझा इतिहास और मूल्यों से भी जुड़े हैं।

मोदी ने वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत-आसियान व्यापक रणनीतिक साझेदारी के लगातार प्रगति करने की बात कही। उन्होंने इसे वैश्विक स्थिरता और सतत विकास के लिए एक मजबूत स्तंभ बताया। इस साल के आसियान शिखर सम्मेलन की थीम ‘समावेशिता और स्थिरता’ पर बोलते हुए उन्होंने डिजिटल समावेशन, खाद्य सुरक्षा और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं जैसे साझा प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “भारत इस दृष्टिकोण का पूर्ण समर्थन करता है और इसे आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
सहयोग के तेजी से बढ़ने की बात
प्रधानमंत्री ने इस दौरान आपदा प्रतिक्रिया (एचएडीआर), समुद्री सुरक्षा और नीली अर्थव्यवस्था में सहयोग के तेजी से बढ़ने की बात भी कही। उन्होंने 2026 को “आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष” के रूप में घोषित किया। साथ ही, उन्होंने भारत के देश समन्वयक के रूप में फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस की सराहना की और आसियान के नए सदस्य के रूप में पूर्वी तिमोर का स्वागत किया।
रानी माता सिरिकित के निधन पर शोक
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने थाईलैंड की रानी माता सिरिकित के 93 वर्ष की आयु में निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह इस शिखर सम्मेलन के लिए कुआलालंपुर की यात्रा नहीं करेंगे, बल्कि वर्चुअली भाग लेंगे। इस सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी शामिल हुए, जहां नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच टैरिफ को लेकर तनाव के बीच चर्चा की उम्मीद थी।










