सेवानिवृत्ति आयु में 3 वर्ष की वृद्धि की तैयारी, 62 से बढ़कर होंगे 65 वर्ष! कर्मचारियों की सरकार से बड़ी मांग – स्थिति करें स्पष्ट, मिलेगा लाभ
कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि देखने को मिल सकती है। दरअसल इसके लिए राज्य शासन द्वारा बड़ा ऐलान किया गया था। जिसमें कहा गया था कि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को 3 वर्ष के लिए बढ़ाया जाएगा। वहीं इसे बढ़ाकर 62 से 65 वर्ष करने की तैयारी की गई थी। हालांकि अभी तक इस पर किसी भी तरह की प्रक्रिया देखने को नहीं मिली है। जिस पर कर्मचारियों द्वारा राज्य शासन से बड़ी मांग की गई है।
Employees Retirement Age Hike : देशभर के कर्मचारियों द्वारा सेवानिवृत्ति आयु की मांग तेज हो गई है। बड़ी संख्या में कर्मचारी सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि की मांग कर रहे हैं। इसी बीच राज्य सरकार द्वारा सेवानिवृत्ति आयु 3 वर्ष बढ़ाने की घोषणा की गई थी। हालांकि घोषणा के बाद लगातार हो रहे विरोध पर सरकार द्वारा दी गई। वहीं अब तक सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि नहीं की गई है।जिस पर कर्मचारी उग्र हो रहे हैं और सेवानिवृत्ति आयु पर सरकार से स्पष्टीकरण सहित वृद्धि की मांग कर रहे हैं।
सेवानिवृत्ति आयु 3 वर्ष बढ़ाकर 62 वर्ष से 65 करने की तैयारी
कश्मीर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर द्वारा प्रोफेसरों की सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि को लेकर अपने फैसले पर सरकार से स्पष्टीकरण-स्पष्टता की मांग की गई है। सरकार द्वारा 23 नवंबर को बड़ी घोषणा की गई थी। जिसमें कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर के सभी विश्वविद्यालयों के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 3 वर्ष की वृद्धि की जाएगी। सीटों की कमी के कारण कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 3 वर्ष बढ़ाकर 62 वर्ष से 65 करने की तैयारी की गई थी।
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कर्मचारी सेवानिवृत्ति आय में वृद्धि की राह देख रहे
वही विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर का कहना है कि इस बारे में फिलहाल सरकार की तरफ से कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। वहीं औपचारिक आदेश कब तक जारी होंगे, इस पर किसी भी तरह के स्पष्टता नहीं है। घोषणा के बाद से ही कर्मचारी सेवानिवृत्ति आय में वृद्धि की राह देख रहे हैं। वहीं राज्य शासन की तरफ से की गई इस घोषणा के बाद युवाओं सहित प्रदेश के अन्य शिक्षकों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। चांसलर द्वारा एक सार्वजनिक घोषणा के बाद आधिकारिक तौर पर इसमें किसी भी तरह की प्रगति नहीं देखी गई है। प्रोफेसर लगातार भ्रमित हो रहे हैं। सरकार को इस पर अपने मत स्पष्ट करने की मांग कर्मचारियों द्वारा की जा रही है।
स्पष्टीकरण जारी करने की मांग
इसके साथ ही कर्मचारियों का कहना है कि कश्मीर और जम्मू विश्वविद्यालय में लगभग 389 छात्रों को अकेले पर्यवेक्षण की समस्या का सामना करना पड़ रहा है जबकि 8 पीएचडी विद्वान अधिमान्यता जीआरएफ का मार्गदर्शन करते हैं लेकिन कानून के तहत उनकी सेवानिवृत्ति से 1 वर्ष पहले मार्गदर्शक के रुप में कार्य करने कि उन्हें अनुमति नहीं दी गई है। जिसका असर अब छात्रों पर पड़ेगा क्योंकि अधिकांश वरिष्ठ शिक्षक सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
साथ ही प्रोफेसर का कहना है कि जम्मू कश्मीर प्रशासन और उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रोफ़ेसर की सेवानिवृत्ति आयु 3 वर्ष की वृद्धि के फैसले के बारे में भ्रम को दूर किया जाए और छात्रों सहित शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से राज्य शासन को बचना चाहिए।
इससे पहले राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी की तरफ से स्पष्टीकरण जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था कि सरकार सभी मामलों पर विचार कर रही है। विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार सभी वर्गों के हित में फैसला लेगी। हालांकि अभी तक सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि पर कोई प्रस्ताव तैयार किया गया है, ना ही इसके लिए सरकार द्वारा इनकार किया जा रहा है। हालांकि विरोध प्रदर्शन करने के बाद अब सरकार की स्थिति क्या होती है, यह तो समय ही बताएगा लेकिन इससे नुकसान छात्रों का ही हो रहा है।