भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) 29 अक्टूबर 2025 को हरियाणा दौरे पर जाने वाली हैं जहां वे अंबाला वायु सेना अड्डे से राफेल (Rafale) लड़ाकू विमान में उड़ान भरेंगी। इससे पहले द्रौपदी मुर्मू ने 8 अप्रैल 2023 को असम के तेजपुर एयरबेस पर सुखोई-30 MKI में उड़ान भरी थी। अब वे राफेल में बैठकर आसमान की सैर करेंगी। इस मौके पर एयर चीफ मार्शल और सीनियर अफसरों की मौजूदगी में पूरी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। ऐसा माना जा रहा है कि राष्ट्रपति मुर्मू को राफेल लड़ाकू विमान से संबंधित तकनीकी जानकारी दी जा सकती है।
गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित होंगी द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार की सुबह 8 बजे अंबाला के लिए रवाना होंगी। लगभग एक घंटे में वह अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर उतरेंगी। वहाँ उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर द्वारा सम्मानित किया जाएगा। इसके बाद वह उपस्थित अधिकारियों व अन्य मेहमानों को संबोधित करेंगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के इस दौरे के दौरान वायुसेना प्रमुख तथा वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।
राष्ट्रपति की दूसरी बार फाइटर जेट में उड़ान
बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहली बार 8 अप्रैल 2023 को असम के तेजपुर एयरबेस पर सुखोई-30 MKI में उड़ान भर चुकी हैं। वहीं अब वे दूसरी बार अंबाला एयरबेस से राफेल में उड़ान भरेंगी। इस ऐतिहासिक उड़ान को भारतीय वायुसेना के लिए गर्व और देश की महिलाओं के लिए प्रेरणा के रूप में देखा जा रहा है। यह उड़ान वायुसेना की नई पीढ़ी के विमानों और तकनीकी क्षमताओं को करीब से समझने के उद्देश्य से की जा रही है।
क्या हैं राफेल फाइटर विमान की खासियत?
राफेल लड़ाकू विमान को फ्रांस की दसॉल्ट एविएशन कंपनी बनाती है। यह विमान भारत ने 2016 में खरीदा और पहला बैच जुलाई 2020 में अंबाला एयरबेस पर पहुंचा। ऑपरेशन सिंदूर में राफेल की भूमिका ने इसकी ताकत को साबित किया। वहीं अगर इसकी खूबियों की बात करें तो ये भारत का सबसे दमदार फाइटर विमान है। इसमें मेट्योर, स्काल्प जैसी मिसाइलें और AESA रडार जैसी अत्याधुनिक तकनीकें शामिल हैं, जिससे भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता कई गुना बढ़ गई है। वहीं इसकी गति की बात करें तो ये हवा की भी मात दे देता है। इसकी गति अधिकतम 2,222 किमी/घंटा है। वहीं इसकी रेंज बिना रिफ्यूलिंग के लगभग 3,700 किमी है।





