प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बेंगलुरु में नम्मा मेट्रो की येलो लाइन का उद्घाटन किया, जो आरवी रोड को बोम्मासंद्रा से जोड़ती है। इसके साथ ही उन्होंने बेलगावी-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस सहित तीन वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 19.15 किलोमीटर लंबी येलो लाइन का निर्माण 2017 में शुरू हुआ था, लेकिन भूमि अधिग्रहण, कोविड-19 महामारी और चीनी रोलिंग स्टॉक आपूर्ति में देरी के कारण इसे कई बार विलंब का सामना करना पड़ा। यह लाइन इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी कॉरिडोर पर आठ लाख यात्रियों को सेवा देगी और सिल्क बोर्ड जंक्शन पर भीड़भाड़ कम करने में मदद करेगी।
सीमित परिचालन क्षमता के कारण येलो लाइन को शुरुआती आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। केवल तीन ट्रेनें उपलब्ध होने और 25 मिनट के अंतराल के कारण यात्रियों ने इसे प्रतीकात्मक उद्घाटन करार दिया। रागीगुड्डा मेट्रो स्टेशन पर कांग्रेस समर्थकों ने उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के समर्थन में नारे लगाए, जोर देकर कहा कि यह परियोजना केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग का परिणाम है। कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने बताया कि राज्य ने 12,000 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान दिया, जबकि परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने भाजपा पर इसका श्रेय हड़पने का आरोप लगाया।
सप्ताह में 6 दिन चलेगी
वंदे भारत एक्सप्रेस में बेलगावी-बेंगलुरु सेवा सप्ताह में छह दिन चलेगी। यह ट्रेन सुबह 5:20 बजे बेलगावी से रवाना होकर दोपहर 1:50 बजे बेंगलुरु पहुंचेगी, और वापसी में दोपहर 2:20 बजे बेंगलुरु से चलेगी। यह सेवा बेंगलुरु, तुमकुरु, दावणगेरे, हावेरी, हुबली, धारवाड़ और बेलगावी के बीच संपर्क को बेहतर बनाएगी। इसके अलावा, श्री माता वैष्णो देवी कटरा-अमृतसर और नागपुर (अजनी)-पुणे वंदे भारत ट्रेनें भी शुरू की गईं।
मुख्यालय पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
उद्घाटन के दौरान रागीगुड्डा मेट्रो स्टेशन और भारतीय वायुसेना प्रशिक्षण कमान मुख्यालय पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी थी। बेंगलुरु यातायात पुलिस ने सुबह 8:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक प्रमुख मार्गों पर प्रतिबंध लगाए थे। हालांकि, प्रधानमंत्री द्वारा हेलीकॉप्टर और मेट्रो से यात्रा करने के कारण कोई बड़ा व्यवधान नहीं हुआ।





