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Tue, Dec 16, 2025

चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध भारत, पीएम मोदी का बड़ा बयान

Written by:Mini Pandey
Published:
नरेंद्र मोदी गुरुवार को जापान की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा के लिए दिल्ली से रवाना हुए, जहां वे 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध भारत, पीएम मोदी का बड़ा बयान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत, चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। जापान के अखबार ‘योमिउरी शिम्बुन’ को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच स्थिर और मैत्रीपूर्ण संबंध न केवल भारत-प्रशांत क्षेत्र, बल्कि वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं। पीएम मोदी 31 अगस्त को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात करेंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच स्थिर संबंध बहुध्रुवीय विश्व और एशिया के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के बीच, भारत और चीन जैसे दो बड़े अर्थव्यवस्था वाले देशों का एक साथ काम करना विश्व आर्थिक व्यवस्था में स्थिरता लाने के लिए महत्वपूर्ण है। भारत आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता के आधार पर रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है।

दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा

नरेंद्र मोदी गुरुवार को जापान की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा के लिए दिल्ली से रवाना हुए, जहां वे 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद, वे चीन के तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे जहां वे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक करेंगे। यह यात्रा 2020 में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद उनकी पहली चीन यात्रा है।

सकारात्मक प्रगति हुई

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल कजान में शी जिनपिंग के साथ उनकी मुलाकात के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में स्थिर और सकारात्मक प्रगति हुई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत और चीन के बीच बेहतर संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के साथ-साथ समृद्धि को बढ़ावा देंगे। यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिसके बीच भारत-चीन संबंधों में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।