लोकसभा में प्रियंका गांधी का पहला भाषण, निशाने पर PM Modi, बोलीं- आप क्या कर रहे हैं, ये बताइए, क्या सारी जिम्मेदारी नेहरु जी की है?

प्रियंका गांधी ने अपने भाषण के अंत में कहा, ये देश कायरों के हाथ में ज्यादा देर तक कभी नहीं रहा है। यह देश उठेगा, लड़ेगा और सत्य मांगेगा, उन्होंने सत्यमेव जयते, जय हिंद कहकर अपनी बात समाप्त की।

Atul Saxena
Published on -

Priyanka Gandhi first speech in Lok Sabha: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज लोकसभा में अपना पहला भाषण देते हुए ना सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को निशाने पर लिया बल्कि इंदिरा गांधी, जवाहर लाल नेहरू की सरकारों का बचाव भी किया, उन्होंने पहले ही भाषण में बैलेट पेपर पर चुनाव कराने की कांग्रेस की मंशा जाहिर कर दी। प्रियंका ने सत्ता पक्ष पर हमला करते हुए कहा आप लोग पुरानी बातें ज्यादा उठाते हैं, वर्तमान की बातें कीजिये, देश को बताइए आपकी जिम्मेदारी क्या है? या सारी जिम्मेदारी जवाहरलाल नेहरू जी की है?

संविधान पर चर्चा के दौरान बोलने खड़ी हुई प्रियंका गांधी ने सबसे पहले संसद की सुरक्षा में प्राणों की आहुति देने वाले जवानों और अफसरों को श्रद्धांजलि दी, उन्होंने कहा हमारे देश में संवाद और चर्चा की हजारों साल पुरानी परंपरा रही है। ये परंपरा हर धर्म, दर्शन ग्रंथों, वेदों और उपनिषदों में दिखती है। वाद-संवाद हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है।
प्रियंका ने कहा इसी परंपरा से हमारा स्वतंत्रता संग्राम निकला था, जो अहिंसा और सत्य पर आधारित था। ये एक बेहद लोकतांत्रिक लड़ाई थी। इस आंदोलन से देश के किसान, मजदूर, बुद्धिजीवी.. सभी जुड़े थे। सबने मिलकर आजादी की लड़ाई लड़ी थी। इसी आजादी की लड़ाई से देश में एक आवाज उठी, जो हमारा संविधान है। ये साहस और आजादी की आवाज थी।

उम्मीद और आशा की ये ज्योत मैंने देश के कोने-कोने में देखी है

हमारा संविधान इंसाफ, उम्मीद, अभिव्यक्ति और आकांक्षा की वो ज्योत है, जो हर हिंदुस्तानी के दिल में जल रही है। इस ज्योत ने हर भारतीय को शक्ति दी है कि उसे न्याय मिलने का अधिकार है, अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने की क्षमता है। इस संविधान ने हर देशवासी को ये अधिकार दिया है कि वो सरकार बना भी सकता है और सरकार बदल भी सकता है। इस ज्योत ने हर हिंदुस्तानी को ये विश्वास दिया कि देश की संपत्ति में उसका भी हिस्सा है। उसे एक सुरक्षित भविष्य का अधिकार है। उम्मीद और आशा की ये ज्योत मैंने देश के कोने-कोने में देखी है।

हमारा संविधान एक सुरक्षा कवच है, सत्ता पक्ष इसे तोड़ने का प्रयास कर रहा है 

सांसद प्रियंका गांधी ने कहा, हमारा संविधान एक सुरक्षा कवच है, जो देशवासियों को सुरक्षित रखता है। हमारा संविधान न्याय, एकता और अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है। लेकिन बीते 10 साल में सत्ता पक्ष ने ये सुरक्षा कवच तोड़ने का पूरा प्रयास किया है।  संविधान में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का वादा है। ये वादा एक सुरक्षा कवच है, जिसे तोड़ने का काम शुरू हो चुका है। ये सरकार लेटरल एंट्री और निजीकरण के जरिए आरक्षण को कमजोर करने का काम कर रही है। अगर लोकसभा में ये नतीजे नहीं आए होते तो ये संविधान बदलने का काम शुरू कर चुके होते। यदि आप नहीं डरते तो आप बैलेट पर चुनाव कर लीजिए, दूध का दूध-पानी का पानी हो जाएगा।

राजा की कहानी का उदाहरण देकर पीएम मोदी पर साधा निशाना 

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिए बिना कहा पहले एक कहानी होती थी, राजा भेष बदलकर लोगों के बीच आलोचना सुनने जाता था। आज के राजा को भी भेष बदलने का बहुत शौक है लेकिन उनमें न जनता के बीच जाने की हिम्मत है और न आलोचना सुनने की। प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, नरेंद्र मोदी की जातिगत जनगणना के लिए गंभीरता का प्रमाण देखिए,जब चुनाव में पूरा विपक्ष जातिगत जनगणना की बात कर रहा था। तब नरेंद्र मोदी कह रहे थे- ये आपकी भैंस और मंगलसूत्र चुरा लेंगे।

सत्ता से सवाल, आपकी जिम्मेदारी क्या है? या सारी जिम्मेदारी जवाहरलाल नेहरू जी की है?

प्रियंका ने कहा, आज सत्ता पक्ष बार-बार संविधान इसलिए कह रहा है, क्योंकि इस चुनाव में पता चल गया कि देश की जनता ही संविधान को सुरक्षित रखेगी और संविधान बदलने की बात इस देश में नहीं चलेगी। आज जनता की मांग है कि जातिगत जनगणना हो। जातिगत जनगणना इसलिए भी जरूरी है, ताकि पता चले कि देश में किसकी क्या स्थिति है और नीतियां उस हिसाब से बनें। भाजपा और उसके सहयोगी दलों पर हमला करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, सत्ता पक्ष के मेरे साथी ज्यादातर अतीत की बातें करते हैं। कहते हैं उस समय ऐसा हुआ, नेहरू जी ने क्या किया। अरे, आप वर्तमान की बात करिए। देश को बताइए कि आप क्या कर रहे हैं, आपकी जिम्मेदारी क्या है? या सारी जिम्मेदारी जवाहरलाल नेहरू जी की है?

 

 

 


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News