लोकसभा में सोमवार को विपक्षी दलों ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग को लेकर जोरदार हंगामा किया। इस दौरान कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि एक नया दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है जिसमें केवल सत्ता पक्ष के सदस्यों को बोलने की अनुमति दी जा रही है, जबकि विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। राहुल ने कहा, “मैं विपक्ष का नेता हूं। मुझे बोलने का अधिकार है, लेकिन मुझे बोलने नहीं दिया जा रहा।”
राहुल गांधी ने आगे कहा कि चर्चा तभी हो सकती है जब सरकार इसकी अनुमति दे। उन्होंने बताया कि परंपरागत रूप से अगर मंत्री बोल सकते हैं तो विपक्ष को भी अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, “हम महत्वपूर्ण मुद्दे उठाना चाहते थे लेकिन हमें अनुमति नहीं दी गई।” वायनाड सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी राहुल का समर्थन करते हुए कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति मिलनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया, “अगर वे वास्तव में चर्चा चाहते हैं तो एलओपी को एक मिनट के लिए भी बोलने की अनुमति क्यों नहीं दी गई?”
‘सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार’
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने जवाब में आश्वासन दिया कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है बशर्ते बिजनेस एडवाइजरी कमेटी द्वारा समयसीमा निर्धारित की जाए। उन्होंने कहा, “सत्र का पहला दिन है और हर कोई हंगामा कर रहा है। भारत सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।”
विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक
संसद का मॉनसून सत्र सोमवार को शुरू हुआ, जिसमें विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। विपक्ष के हंगामे और सरकार के रवैये के बीच संसद में चर्चा का माहौल तनावपूर्ण रहा। सत्र की शुरुआत से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर से मीडिया के माध्यम से देश को संबोधित किया है। उन्होंने कहा, “संसद का यह मॉनसून सत्र एक विजय उत्सव की तरह है। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भारत का झंडा फहराया जाना प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव का क्षण है। सभी सांसद और देशवासी एक स्वर में इस उपलब्धि का गुणगान करेंगे। यह हमारे भावी अभियानों के लिए प्रेरणादायी होगा।”





