पिछले कुछ सालों में रेल व्यवस्था में काफी बदलाव देखने को मिले हैं। फिर चाहे वो स्पीड की बात हो या फिर ट्रेनों में मिलने वाली सुख सुविधाएं हो। रेलवे ने सबसे बड़ा बदलाव को वंदे भारत के रूप में किया है। आज देश के लगभग सभी राज्यों में वंदे भारत ट्रेन चलाई जा रही है तो वहीं मालगाड़ियों की संख्या में काफी बढ़ गई है।
इसके साथ ही रेल हादसों की बात करें तो पिछले 10 सालों में रिकॉर्ड कमी आई है। ऐसा कह सकते हैं कि ट्रेनों की सुरक्षा में रेलवे मंत्रालय ने काफी काम किया है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि रेलवे की सेफ्टी रिकॉर्ड हाई पर है जिसका नतीजा ये है कि बीते दस सालों में हादसों की संख्या में भारी कमी आई है।
ट्रेनों की सुरक्षा में बदलाव
ट्रेनों की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए 21 स्टेशनों पर सेंट्रलाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और ट्रैकिंग सर्कुटिक को पूरा कर लिया गया है। बीते 4 महीने में इसे पूरा कर लिया गया है। आधुनिक सिग्नल, सिक्योरिटी फीचर्स एड किए गए हैं। ट्रेनों में कवच सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, ट्रैक सर्किटिंग बढ़ाए गए हैं। वहीं रेल पटरियों की निगरानी, गश्ती, दुर्घटना-बाहुल्य इलाकों में विशेष सतर्कता बढ़ाई गई है।
साथ ही ठंड में कोहरे की वजह से रेलवे को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। जिस वजह से ट्रेनों के समय में देरी और एक्सीडेंट जैसी घटनाओं के होने का डर बना रहता था। लेकिन अब रेलवे ने कोहरे को ध्यान में रखते हुए फॉग सुरक्षा डिवाइस 288 गुना बढ़ा दिए हैं।
रेल हादसों में आई भारी कमी
रेल मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि ट्रेन ऑपरेशन में सेफ्टी को बेहतर बनाने के लिए, इंडियन रेलवे ने कई कदम उठाए हैं। पिछले कुछ सालों में उठाए गए अलग-अलग सेफ्टी कदमों की वजह से हादसों की संख्या में भारी कमी आई है। रेलवे सेफ्टी बजट को बढ़ाकर 1,16,470 करोड़ कर दिया गया है, जो कि साल 2013-14 में सिर्फ 39,463 करोड़ था। 2014-15 में होने वाले ट्रेन एक्सीडेंट 135 से घटकर 2024-25 में 31 हो गए हैं। यह ध्यान देने वाली बात है कि 2004-14 के दौरान होने वाले ट्रेन एक्सीडेंट 1711 (हर साल एवरेज 171) थे, जो 2024-25 में घटकर 31 और 2025-26 में (नवंबर, 2025 तक) 11 हो गए हैं।
कवच धीरे-धीरे फेज में दिया जा रहा है। शुरू में कवच वर्जन 3.2 को साउथ सेंट्रल रेलवे के 1465 KM और नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के 80 KM पर लगाया गया था। कवच स्पेसिफिकेशन वर्शन 4.0 को RDSO ने 16 अगस्त 2024 को मंजूरी दी थी। बड़े और विस्तृत ट्रायल के बाद, कवच वर्जन 4.0 को दिल्ली-मुंबई रूट पर पलवल-मथुरा-कोटा-नागदा सेक्शन (633KM) और दिल्ली-हावड़ा रूट पर हावड़ा-बर्धमान सेक्शन (105Km) पर सफलतापूर्वक चालू कर दिया गया है।
कवच को दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रूट के बाकी सेक्शन में भी लगाया गया है। इसके अलावा, कवच को भारतीय रेलवे के सभी GQ, GD, HDN और पहचाने गए सेक्शन को कवर करते हुए 15,512 KM पर लगाया गया है।





