Employees Cashless Benefit, Railway Employees : रेल कर्मचारी और पेंशनर्स को बड़ा झटका लगा है। उन्हें कैशलेस उपचार सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। इसके लिए बोर्ड के प्रधान कार्यकारी निदेशक द्वारा पत्र जारी कर जोनल रेलवे को जानकारी दी गई है।
रेल कर्मचारियों के लिए हाल ही में बोनस का ऐलान किया गया है। हालांकि इसके साथ ही कर्मचारी पेंशनर्स और आश्रितों को बड़ा झटका लगा है। अब निजी अस्पताल में बिना रेफर उन्हें इमरजेंसी कैशलेस उपचार की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जाएगी। रेलवे बोर्ड ने देश में चल रही कैशलैस ट्रीटमेंट स्कीम इन एमरजैंसी यानी सीटीएसई को वापस ले लिया है।
पुरानी कैशलेस रेफरल की सुविधा मिलती रहेगी
16 अक्टूबर को बोर्ड द्वारा आदेश जारी किया गया है। ऐसे में गंभीर बीमारी पर रेल कर्मचारी और परिजनों को पुरानी कैशलेस रेफरल की सुविधा मिलती रहेगी। बता दें रेलवे बोर्ड द्वारा जनवरी 2021 में कर्मचारियों और परिजनों को आपात स्थिति में समुचित उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सीटीएसई को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया था। पैनल में निजीअस्पताल को भी शामिल किया गया था।
गंभीर बीमारी से पीड़ित रेल कर्मचारी पेंशन भोगी और आश्रित आपात स्थिति में रेलवे अस्पताल से रेफर हुए बिना पैनल के निजी अस्पताल में इलाज कर सकते थे।हालांकि अब विचार विमर्श और प्राधिकारी से अनुमोदन के बाद इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का निर्णय लिया गया है। ऐसे में इसके सदस्यता के लिए जमा की गई राशि के लिए कार्ड धारक को कोई रिफंड जारी नहीं किया जाएगा। मामले में रेल मंत्रालय के वित्त निदेशालय द्वारा भी अपनी सहमति दी गई है।
इस सुविधा के समाप्त होते ही रेल कर्मियों को बड़ा नुकसान लगेगा। पूर्वोत्तर रेलवे के 50000 कर्मचारी सहित 15000 पेंशनर्स में से प्रभावित होंगे। इस मामले में NE रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री के एल गुप्ता का कहना है कि बोर्ड का जनरल नारियल कर्मचारियों के लिए विश्वास घात है। बिना फेडरेशन से चर्चा किये आदेश जारी कर दिया गया है। ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के माध्यम से इस प्रकरण को बोर्ड के समक्ष उठाया जाएगा। व्यवस्था अगर फिर से लागू नहीं होती है तो राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा।