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Fri, Dec 19, 2025

‘मुंबई के समंदर में डुबो-डुबो के मारेंगे’, राज ठाकरे का निशिकांत दुबे पर तीखा पलटवार

Written by:Mini Pandey
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राज ठाकरे ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ गुजराती व्यापारी मुंबई और बाकी महाराष्ट्र के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
‘मुंबई के समंदर में डुबो-डुबो के मारेंगे’, राज ठाकरे का निशिकांत दुबे पर तीखा पलटवार

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के विवादास्पद बयान “पटक-पटक के मारेंगे” पर तीखा पलटवार किया है। दुबे के बयान के जवाब में राज ठाकरे ने कहा, “एक बीजेपी सांसद ने कहा कि मराठी लोगों को हम पटक-पटक के मारेंगे… तुम मुंबई आओ, मुंबई के समंदर में डुबो-डुबो के मारेंगे।” उन्होंने मराठी भाषा और महाराष्ट्र के लोगों के मुद्दों पर कोई समझौता न करने की बात दोहराई और कहा कि महाराष्ट्र में रहने वालों को जल्द से जल्द मराठी सीखनी चाहिए।

मुंबई में एक सभा को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा, “मैं मराठी और महाराष्ट्र के लोगों के लिए कोई समझौता नहीं करूंगा। महाराष्ट्र में रहने वालों से मैं कहना चाहता हूं कि जल्द से जल्द मराठी सीखें और जहां जाएं, मराठी में ही बोलें।” उन्होंने कर्नाटक का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां लोग अपनी भाषा के लिए लड़ते हैं और महाराष्ट्र में भी लोगों को मराठी के लिए मजबूत स्तंभ की तरह खड़ा होना चाहिए। साथ ही, उन्होंने महाराष्ट्र के नेतृत्व पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य करने की बात कही, जबकि मराठी को सभी स्कूलों में अनिवार्य करना चाहिए।

दरार पैदा करने की कोशिश

राज ठाकरे ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ गुजराती व्यापारी मुंबई और बाकी महाराष्ट्र के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “कुछ गुजराती व्यापारियों ने मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश रची है। वे यह देख रहे हैं कि क्या महाराष्ट्र हिंदी को अनिवार्य करने का विरोध करेगा। अगर हम चुप रहे तो हिंदी पहला कदम होगा और उनका मकसद सब कुछ गुजरात ले जाना है।” उन्होंने लोगों से मराठी के लिए एकजुट होने की अपील की।

हिंदी भाषियों के खिलाफ हिंसा

इससे पहले, निशिकांत दुबे ने महाराष्ट्र सरकार की तीन-भाषा नीति (जिसे बाद में वापस ले लिया गया) के बाद हिंदी भाषियों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं की निंदा की थी। उन्होंने कहा कि भारत एक विविधतापूर्ण देश है और लोग देश के किसी भी हिस्से में रह सकते हैं। दुबे ने अपने विवादास्पद बयान को दोहराते हुए कहा कि राज और उद्धव ठाकरे कोई बड़े लाट साहब नहीं हैं और अगर उनकी सुरक्षा हटा दी जाए तो वे घर से बाहर नहीं निकलेंगे। महाराष्ट्र सरकार ने तीन-भाषा नीति को रद्द कर दिया है और अब इस नीति की समीक्षा के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया है।