अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह भी नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है। अब मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार को विराजमान करने की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। जयपुर के शिल्पकारों द्वारा सफेद संगमरमर से बनी भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियां 22 मई को अयोध्या पहुंचेंगी और अगले दिन इनका प्रतिष्ठापन किया जाएगा। यह दिन न केवल रामभक्तों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक होगा।
23 मई को मंदिर के प्रथम तल पर जिन मूर्तियों का प्रतिष्ठापन होगा, वे अत्यंत खास हैं। जयपुर के कारीगरों ने इन्हें विशेष हेम्मार्क फोटोग्राफिक तकनीक से गढ़ा है, जिससे इन मूर्तियों में असली जैसी जीवंतता नजर आती है। मूर्तियां सफेद संगमरमर से बनाई गई हैं और इन पर बारीक नक्काशी की गई है। इस राम दरबार में शुरुआत में श्रीराम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी, जबकि भरत और शत्रुघ्न की मूर्तियां बाद में लगाई जाएंगी। यह आयोजन धार्मिक आस्था के साथ-साथ राष्ट्रीय भावना से भी जुड़ा है।

गंगा दशहरा पर होगा प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ
राम दरबार के प्रतिष्ठापन के बाद 5 जून 2025 को गंगा दशहरा के दिन एक और बड़ा आयोजन होगा। इस दिन राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके लिए देशभर से वैदिक आचार्यों और विद्वानों को आमंत्रित किया गया है। वैदिक मंत्रों के उच्चारण और पारंपरिक विधियों से यह अनुष्ठान संपन्न होगा। यह अवसर सिर्फ अयोध्या तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि देशभर में इसे आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक माना जाएगा। प्रशासन भी इस आयोजन को लेकर पूरी तरह सतर्क है और सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं, खासकर मूर्तियों की यात्रा और प्रतिष्ठापन के दौरान।
मंदिर के चारों दिशाओं में बन रहे भव्य प्रवेश द्वार
श्रीराम मंदिर परिसर में चारों दिशाओं में चार बड़े प्रवेश द्वार बनाए जा रहे हैं। दक्षिण दिशा का प्रवेश द्वार सबसे तेजी से बन रहा है और अब तक 40% काम पूरा हो चुका है। यह द्वार लगभग 17 मीटर ऊंचा, 30 मीटर लंबा और 11 मीटर चौड़ा होगा। इसे लाल बलुआ पत्थर से बनाया जा रहा है और इसमें गज, सिंह, अश्व और पुष्प आकृतियों की सुंदर नक्काशी की जा रही है। पश्चिम दिशा का द्वार भी जल्द बनना शुरू हो जाएगा। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि भारतीय वास्तुकला और सांस्कृतिक विरासत का भी शानदार उदाहरण बनता जा रहा है।