राम मंदिर में स्थापना के लिए बनी थी रामलला की तीन मूर्ति, एक गर्भगृह में विराजमान होगी, शेष दो का क्या होगा? पढ़ें पूरी खबर

Atul Saxena
Updated on -
Ram Mandir Ayodhya

Ram Mandir Ayodhya : अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले अनुष्ठान शुरू हो चुका है, रामलला आज इसी क्रम में मंदिर में प्रवेश करेंगे, शास्त्र विधि अनुसार स्थापित किये जाने से पहले रामलला को राम जन्मभूमि मंदिर परिसर का भ्रमण कराया जायेगा उसके बाद गर्भगृह का शुद्धिकरण होगा और फिर कल गुरुवार को रामलला गर्भगृह में प्रवेश करेंगे।

अरुण योगीराज द्वारा बनाई मूर्ति होगी मंदिर में स्थापित  

इस पूरी प्रक्रिया की विशेष बात ये है कि जिस मूर्ति को स्थापना के लिए चुना गया है वो मैसूर कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई है, लेकिन यहाँ एक सवाल ये उठ रहा है कि राम जन्मभूमि मंदिर में स्थापना के लिए तीन मूर्तियां बनवाई गई थी जिनमें से एक का चयन होना था जो हो चुका है तो शेष दो मूर्तियों का क्या होगा?

शेष मूर्तियों के बारे में चंपत राय ने दी जानकारी 

लोगों के मन में उठ रहे इस सवाल का श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जवाब दिया है, उन्होंने कहा है कि शेष दोनों मूर्तियां भी इसी मंदिर में स्थापित की जायेंगी लेकिन इसमें अभी समय लगेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चंपत राय ने बताया है कि शेष दोनों मूर्तियों को मंदिर की पहली और दूसरी मंजिल पर स्थापित किया जायेगा।

ऐसा रहेगा शेष मूर्तियों की स्थापना का प्लान 

चंपत राय ने शेष दोनों मूर्तियों की स्थापना की प्लानिंग बताते हुए कहा कि जैसे ही मंदिर की पहली मंजिल पूरी हो जाएगी शेष बची मूर्ति में से एक को धार्मिक अनुष्ठान के साथ स्थापित किया जायेगा इसके बाद दिसंबर 2025 तक पूरा मंदिर बन जाने के बाद बची हुई दूसरी मूर्ति को दूसरी यानि अंतिम मंजिल पर स्थापित किया जायेगा, इसे भी पूरे विधि विधान के साथ वैदिक मन्त्रों के साथ स्थपित किया जायेगा।

51 इंच की हैं मूर्तियां, पांच साल के रामलला की छवि दिखेगी 

आपको बता दें कि रामलला की तीनों मूर्तियां 51-51 इंच ऊँची हैं इन्हें अलग अलग मूर्तिकारों ने गढ़ा है, 22 जनवरी को गर्भगृह में विराजमान करने के लिए जिस मूर्ति को चुना गया है वो मूर्ति कर्नाटक मैसूर के कलाकार अरुण योगीराज द्वारा काले पत्थर से बनाया गया है, शेष मूर्तियों में से एक को कर्नाटक के मूर्तिकार गणेश भट्ट ने काले पत्थर पर ही बनाया है जबकि दूसरी मूर्ति को राजस्थान के मूर्तिकार सत्य नारायण पांडे ने संगमरमर से बनाया है। तीनों मूर्तियों में 5 साल के रामलला को दर्शाया गया है, विशेष बात ये है कि तीनों मूर्तियां प्रसिद्द कलाकार वासुदेव कामथ द्वारा बनाये गए स्कैच पर आधारित हैं उन्होंने श्री राम जन्मभूमि न्यास को रामलला के पेन्सिल से बने स्कैच भेंट किये थे ।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News