अयोध्या में विराजे रामलला के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। जब अयोध्या में राम मंदिर बना और प्रभु यहां विराजे उसके बाद लाखों की संख्या में दर्शनार्थी दर्शन करने के लिए पहुंच रहे थे। महाकुंभ के भक्त भी अयोध्या की ओर प्रस्थान कर रामलला के दर्शन कर रहे थे। पिछले एक-दो महीने में यह आंकड़ा तीन से चार लाख भक्तों का था, जो अब दो से ढाई लाख पहुंच गया है।
दूर-दूर से आने वाले भक्तों की संख्या में कमी देखने को मिली है जिसके चलते अब एक बार फिर एंट्री और एग्जिट के मार्ग बदलने की तैयारी की जा रही है। अब श्रद्धालुओं को राम जन्मभूमि पथ से मंदिर में भेजा जाएगा और अंगद टीले के पास बने द्वारा से निकासी रखी जाएगी। एंट्री और एग्जिट का मार्ग बदलने के बाद अब रामजन्मभूमि परिसर के गेट नंबर 3 को बंद किया जाएगा।
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परिवर्तित हुआ था मार्ग (Ram Mandir)
आपको बता दें कि फिलहाल गेट नंबर 3 से श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करके बाहर निकलते हैं। पिछले कुछ दिनों से दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही थी। इस भीड़ में श्रद्धालु अच्छे से दर्शन कर सके और सुरक्षा व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके। इसके लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के पदाधिकारियों से विचार विमर्श करने के बाद निकासी मार्ग बदल गया था और गेट नंबर तीन से श्रद्धालुओं को बाहर किया जा रहा था।
लागू होगी पुरानी व्यवस्था
जानकारी के मुताबिक श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट आ गई है, जिसके चलते एक बार फिर पुरानी दर्शन व्यवस्था लागू की जाएगी। आने वाले दर्शनार्थी राम जन्मभूमि पथ से प्रवेश करेंगे और दर्शन करने के बाद अंगद टीले से बाहर निकल जाएंगे। श्रद्धालुओं की संख्या में आई कमी के चलते निकासी मार्ग बदलने पर विचार किया गया है।
भक्तों की संख्या हुई कम
शनिवार को राम मंदिर में दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या की बात करें तो 2 लाख से ज्यादा दर्शनार्थी दर्शन के लिए पहुंचे। अगर इसी तरह की संख्या रविवार को भी बनी रही तो सोमवार से निकासी अंगद टीले के पास से शुरू कर दी जाएगी। पहले जब भक्त ज्यादा आ रहे थे तो प्रवेश और निकासी मार्ग में दूरी थी। जिस वजह से पूरे पथ पर दबाव कम पड़ रहा था और दर्शनार्थी आराम से दर्शन कर पा रहे थे। अब महाकुंभ खत्म होने की वजह से भक्तों की संख्या में गिरावट हुई है।