राम मंदिर की भव्यता में एक और अध्याय जुड़ने जा रहा है। नवंबर 2025 में राम मंदिर के मुख्य शिखर पर ‘ध्वजारोहण समारोह’ आयोजित किया जाएगा।रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इस कार्यक्रम को उसी भव्यता से करने की तैयारी में है जैसे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। आयोजन की दो संभावित तारीखें सामने आई हैं 16 नवंबर और 25 नवंबर। इनमें से एक को ज्योतिषीय मुहूर्त के आधार पर तय किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इसके अलावा देश-विदेश से संत, धर्माचार्य, कलाकार और कई प्रमुख हस्तियों को आमंत्रित किया जा रहा है। अयोध्या में होटल, गेस्ट हाउस और धर्मशालाओं में मेहमानों के ठहरने की व्यवस्था शुरू कर दी गई है। प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी पूरी तरह सतर्क है।
राम मंदिर शिखर पर फहराया जाएगा 161 फीट ऊंचा रामध्वज
बता दें कि राम मंदिर के मुख्य शिखर की ऊंचाई 161 फीट है और इसी शिखर पर पवित्र रामध्वज फहराया जाएगा। यह ध्वज सिर्फ एक धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि श्रीराम की मर्यादा, विजय और धर्म के परचम का प्रतीक माना जा रहा है। इसके साथ ही मंदिर परिसर के सभी छोटे-बड़े मंदिरों के शिखरों पर भी ध्वज फहराया जाएगा। ध्वजरोहण के दौरान वैदिक मंत्रोच्चार, विशेष पूजा, संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। पूरे आयोजन को एक धार्मिक उत्सव की तरह मनाया जाएगा, जिसमें भक्तों को रामकथा सुनने का भी अवसर मिल सकता है। रामध्वज का शिखर पर आरोहण मंदिर निर्माण की पूर्णता की ओर बढ़ते हुए एक अहम कदम के तौर पर देखा जा रहा है।
श्रद्धालुओं का महासंगम दिखाई देगा
दरअसल राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी इस आयोजन को और खास बना रही है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में भी उन्होंने विशेष भूमिका निभाई थी और अब एक बार फिर अयोध्या की पवित्र भूमि पर उनका आना संभावित है। ट्रस्ट की मानें तो इस कार्यक्रम में लगभग 8 से 10 हजार विशेष आमंत्रितों के आने की संभावना है। इनमें विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, धर्मगुरु, कलाकार और प्रमुख सामाजिक संगठन शामिल होंगे। साथ ही, बड़ी संख्या में आम श्रद्धालु भी अयोध्या पहुंच सकते हैं, जिसके चलते ट्रैफिक और सुरक्षा को लेकर बड़े स्तर पर प्लानिंग की जा रही है। ध्वजारोहण केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि देश के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक भाव को एकजुट करने वाला पल होगा। इससे न सिर्फ अयोध्या, बल्कि देशभर में उत्सव जैसा माहौल बनने की उम्मीद है।





