नई दिल्ली| अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऐतिहासिक फैसला सुनाए जाने के बाद शीर्ष कोर्ट के निर्णय के खिलाफ दाखिल सभी 18 पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दी गईं हैं। पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम काेर्ट में गुरुवार काे सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली 5 जजाें की संविधान पीठ ने तमाम याचिकाओं को खारिज कर दिया। चार अन्य जजाें में जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एसए नजीर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस संजीव खन्ना शामिल थे।
इस मामले में 9 याचिकाएं पक्षकार की ओर से, जबकि 9 अन्य याचिकाकर्ता की ओर से लगाई गई थी| इसके बाद अब यह तय हो गया है कि अयोध्या केस अब दोबारा नहीं खुलेगा। इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट फिलहाल विचार कर रहा था। इससे पहले निर्मोही अखाड़े ने भी पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का फैसला किया| निर्मोही अखाड़े ने अपनी याचिका में कहा कि फैसले के एक महीने बाद भी राम मंदिर ट्रस्ट में उनकी भूमिका तय नहीं हुई है. कोर्ट इस मामलें में स्पष्ट आदेश दे. लेकिन अब उनकी याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं| बता दें कि शीर्ष कोर्ट ने अपने फैसले में निर्मोही अखाड़े को राम लला की सेवा और पूजा का अधिकार ना होने की बात कही थी।
गौरतलब है कि 9 नवंबर को राम जन्मभूमि को लेकर विवाद में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने बड़ा फैसला सुनाया था। इसमें कोर्ट ने विवादित जमीन रामलला की मानी थी। इसके साथ ही कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को अन्य जगह पर मस्जिद का निर्माण करने के लिए केंद्र सरकार को 5 एकड़ जमीन देने का कहा था। इसके साथ ही केंद्र सरकार से एक न्यास बनाने का कहते हुए मंदिर निर्माण सुनिश्चित करने के निर्देश भी शीर्ष कोर्ट की ओर से दिए गए थे।