नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (University of Oxford) में रश्मि सामंत (Rashmi Samant) के साथ हुए नस्लीय भेदभाव (racial discrimination ) के मुद्दे की गूंज आज राज्यसभा में सुनाई दी। यूनियन की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष बनकर इतिहास रचने वाली रश्मि सामंत को अपनी कुछ पुरानी टिप्पणियों के चलते इस्तीफा देना पड़ा था। इस मामले में बीजेपी सांसद अश्विन वैष्णव ने सदन में कहा देश की बेटी को कथित रूप से नस्लवाद का सामना करना पड़ा, उन्होने ये भी कहा कि उनके माता पिता के हिंदू धार्मिक आस्था को भी निशाना बनाया गया। इस मामले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत चुप नहीं बैठेगा और जब जरूरत होती तो इस मुद्दे को मजबूती से उठाया जाएगा।
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बता दें कि रश्मि सावंत ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन की अध्यक्ष बनी थीं। हालांकि उन्हें शपथ ग्रहण से पहले ही अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा। दरअसल उनके कुछ पुराने सोशल मीडिया पोस्ट सामने आए थे जिसके बाद उनपर असंवेदनशीलता और नस्लीय टिप्पणी के आरोप लगे थे। इन आलोचनाओं के बाद रश्मि ने एक ओपन लैटर लिखकर माफी मांगी थी और इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने के बाद रश्मि ने कहा था कि पूरे प्रकरण में ‘रेशियल प्रोफाइलिंग’ शामिल थी। इस मामले के राज्यसभा में उठाए जाने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि महात्मा गांधी की जमीन से होने के नाते, हम कभी नस्लवाद से आंखें नहीं चुरा सकते। खासतौर से तब जब यह किसी ऐसे देश में हो जहां हमारे लोग इतनी ज्यादा संख्या में रहते हैं। हमारे यूके के साथ मजबूत रिश्ते हैं। जरूरत पड़ने पर हम इस मुद्दे को पूरी स्पष्टता के साथ उठाएंगे।