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Thu, Dec 18, 2025

10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों पर फिलहाल राहत, सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी कार्रवाई पर लगाई रोक

Written by:Vijay Choudhary
Published:
अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार के वैज्ञानिक अध्ययन के सुझाव और उम्र-आधारित पाबंदी की वैधता पर विस्तृत सुनवाई करेगा।
10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों पर फिलहाल राहत, सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी कार्रवाई पर लगाई रोक

दिल्ली में गाड़ियों पर बैन

दिल्ली और एनसीआर में 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने वाहन मालिकों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने आदेश दिया कि फिलहाल इन वाहनों के मालिकों के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई न की जाए। यह फैसला तब आया है जब दिल्ली सरकार ने 2018 में दिए गए आदेश की समीक्षा की मांग की, जिसमें 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के चलने पर रोक लगाई गई थी।

सरकार का तर्क, तकनीक में सुधार

दिल्ली सरकार ने दलील दी कि BS VI मानकों के लागू होने के बाद वाहन तकनीक में काफी सुधार हुआ है, जिससे नए इंजन पुराने इंजन की तुलना में बहुत कम प्रदूषण फैलाते हैं। सरकार का कहना है कि केवल उम्र के आधार पर वाहनों पर पाबंदी लगाना “वैज्ञानिक और तकनीकी दृष्टि से उचित” नहीं है। सरकार ने उदाहरण देते हुए कहा कि निजी वाहन अक्सर कम दूरी तय करते हैं और अच्छी हालत में रहते हैं, जबकि व्यावसायिक वाहन ज्यादा चलने के बावजूद भी बेहतर मेंटेनेंस के कारण सही स्थिति में रह सकते हैं। ऐसे में, केवल निर्माण वर्ष देखकर वाहन को सड़क से हटाना उचित नहीं है।

वैकल्पिक दृष्टिकोण और प्रदूषण के अन्य कारण

दिल्ली सरकार ने कोर्ट में कहा कि वायु प्रदूषण केवल पुराने वाहनों के कारण नहीं है। पराली जलाना, औद्योगिक उत्सर्जन, निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल और मौसम की स्थिति भी इसके प्रमुख कारण हैं। ऐसे में सिर्फ एक श्रेणी के वाहनों पर पाबंदी लगाने से प्रदूषण स्तर में उल्लेखनीय सुधार नहीं होगा। सरकार ने सुझाव दिया कि Commission for Air Quality Management (CAQM) या केंद्र सरकार के स्तर पर एक विस्तृत वैज्ञानिक अध्ययन कराया जाए, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि उम्र-आधारित पाबंदी से वास्तव में कितना पर्यावरणीय लाभ हुआ है।

पिछले आदेश और वर्तमान स्थिति

पुराने वाहनों पर यह पाबंदी पहली बार 2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश से लागू हुई थी, जिसमें डीजल वाहनों के लिए 10 साल और पेट्रोल वाहनों के लिए 15 साल की सीमा तय की गई थी। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को बरकरार रखा। हाल ही में CAQM ने प्रस्ताव दिया था कि जुलाई 2025 से पुराने वाहनों को ईंधन सप्लाई रोक दी जाए। हालांकि, जनता के विरोध और व्यवस्थागत चुनौतियों को देखते हुए इस प्रस्ताव को नवंबर तक टाल दिया गया। पर्यावरण मंत्री मजींदर सिंह सिरसा ने इस पर कहा, “हम प्रदूषण से लड़ने के पक्ष में हैं, लेकिन नीतियां डेटा और वैज्ञानिक प्रमाणों पर आधारित होनी चाहिए।”

अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार के वैज्ञानिक अध्ययन के सुझाव और उम्र-आधारित पाबंदी की वैधता पर विस्तृत सुनवाई करेगा।