Old Pension Scheme 2022-23 : आगामी चुनावों से पहले देशभर में सरकारी कर्मचारियों-पेंशनरों की पुरानी पेंशन योजना का मुद्दा गर्माया हुआ है। एक तरफ छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब और झारखंड जैसे राज्यों ने इसे लागू करने की घोषणा कर दी है, वही दूसरी तरफ केन्द्र सरकार ने पेंशन स्कीम के पैसे लौटाने से इंकार कर दिया है। इसी बीच अब राज्य सरकारों के सामने ओपीएस की बहाली बड़ी चुनौती बन गई है, हालांकि राज्यों के मुख्यमंत्री इसका काट ढूंढ़ने में लगे है। इसी बीच राजस्थान के सीएम अशोन गहलोत का एक बार फिर बड़ा बयान सामने आया है।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का कहना है कि राज्य सरकार अपने ओपीएस बहाल करने के फैसले पर कायम रहेगी।ओपीएस को मानवीय दृष्टिकोण से बहाल किया गया, जबकि किसी ने इसकी मांग नहीं की थी।2004 तक केंद्र में कांग्रेस का शासन रहा और उस समय पुरानी पेंशन योजना ही रही और विकास किया है। OPS बहाल करने के फैसले को वापस लेने की अटकलों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा जो हमने फैसला किया है वह कायम रहेगा। हमने उसे लागू कर दिया है।
सीएम गहलोत ने कहा कि देशभर में इसकी बहाली पर बहस चल रही है, नीति आयोग सहित अनेक अर्थशास्त्रियों ने इसका विरोध किया है।लेकिन आजादी के बाद से 2004 में नई पेंशन योजना एनपीएस के लागू होने तक भी देश में विकास हुआ। जहां कभी सुई नहीं बनती थी, आज हम कहां पहुंच गए। पेंशन तय करने का काम राज्य सरकार का है क्योंकि संविधान की सातवीं अनुसूची में राज्य सूची की विषय संख्या 42 स्पष्ट कहता है कि सरकारी पेंशन जो राज्य की समेकित निधि से दी जाएंगी उन पर राज्य को कानून बनाने का अधिकार है। इसका लाभ 7 लाख कर्मचारियों को मिलेगा।
केन्द्र का फंड लौटाने से इंकार
AIMIM यानी आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन औवसी ने सोमवार को लोक सभा में पुरानी पेंशन योजना का सवाल उठाया था, जिसके लिखित जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने बताया राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना बहाली की अधिसूचना जारी कर दी है और कर्मचारियों और राज्य सरकार के अंशदान की PFRDA- पेंशन विनियामक विकास प्राधिकरण में जमा राशि वापस लौटाने का प्रस्ताव दिया है।लेकिन PFRDA ने भी साफ कर दिया है कि इससे संबंधित कानूनों और नियमों में इस राशि को राज्य सरकारों को वापस लौटाने का कोई प्रावधान ही नहीं है।
2004 से बंद है पुरानी पेंशन
गौरतलब है कि ओल्ड पेंशन स्कीम पूरे देश में 31 मार्च 2004 तक लागू थी। एक अप्रैल 2004 से पूरे देश में केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम लागू की गई। राजस्थान में करीब सात करोड़ की आबादी में सात लाख कर्मचारी हैं, जिनमें से केवल डेढ़ लाख कर्मचारियों को ही ओपीएस का लाभ मिल रहा है। एक अप्रैल 2004 के बाद नियुक्ति पाने वाले पांच लाख 50 हजार कर्मचारी ओपीएस की मांग कर रहे हैं। इन्हें पेंशन का पुराना कवर देने के लिए ही सीएम गहलोत ने ओपीएस को लागू किया है।