शिक्षकों-कर्मियों के लिए राहत भरी खबर, सरकार ने जारी की राशि, जानें कब खाते में आएगा वेतन?

राज्य की नीतिश कुमार सरकार ने 37 डिग्री कॉलेजों के लिए अनुदान राशि भी जारी कर दी गई है। इससे शिक्षकों को जल्द ही वेतन मिल पाएगा।

बिहार के शिक्षकों कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के वेतन के बाद अब राज्य की नीतीश कुमार सरकार ने 37 डिग्री कॉलेजों के लिए 37 करोड़ 71 लाख 91 हजार 500 रुपये अनुदान राशि भी जारी कर दी गई है।यह पैसा शिक्षा विभाग के सचिव अजय यादव के हस्ताक्षर से विश्वविद्यालय को दिया गया है। इस राशि से शिक्षकों कर्मियों को जल्द वेतन का भुगतान किया जाएगा।

दरअसल, नीतीश कुमार सरकार ने बीएन मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा से जुड़े 37 डिग्री कॉलेजों के लिए 37 करोड़ 71 लाख 91 हजार 500 रुपये की अनुदान राशि जारी की है। जारी किए गए अनुदान में से 29 करोड़ 13 लाख 80 हजार 400 रुपये 35 कॉलेजों को दिए जाएंगे। एक महाविद्यालय को सत्र 2010-13 से 2014-17 के परीक्षाफल के आधार पर 6 करोड़ 83 लाख 70 हजार 300 रुपये और एक अन्य महाविद्यालय को सत्र 2012-15 से 2014-17 तक के आधार पर 1 करोड़ 74 लाख 40 हजार 800 रुपये दिए गए हैं।
यह राशि स्नातक सत्र 2014-17 के छात्र-छात्राओं के परीक्षाफल के आधार पर दी गई है।

शिक्षा विभाग जारी किए निर्देश

शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय के कुलसचिव को निर्देश दिए हैं कि अनुदान राशि में महाविद्यालयों की आंतरिक आय का 70% जोड़कर ही शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन दिया जाए या नि कॉलेज अपनी कमाई का 70% और सरकार से मिली राशि मिलाकर वेतन देंगे। जिन सत्रों के लिए अनुदान दिया गया है, उन सत्रों के लिए कॉलेज को राज्य सरकार से मान्यता मिली हो।

पिछले हफ्ते सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए जारी हुई थी राशि

पिछले हफ्ते ही राज्य के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के वेतन के लिए लिए शिक्षा विभाग ने समग्र शिक्षा अभियान योजना के तहत 25 अरब रुपये की राशि की स्वीकृति दी थी। यह राशि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए है।इस स्वीकृत राशि में से तत्काल 825 करोड़ रुपये जिलों को जारी किया गया है। इस राशि से पंचायती राज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों एवं उत्क्रमित मध्य विद्यालयों में जिला संवर्ग के स्नातक प्रशिक्षित वेतनमान के कार्यरत शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों का वेतन का भुगतान किया जाना है।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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