दरअसल, हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सीएम हाउस पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार एडहाक शिक्षकों की समस्या का समाधान निकालने के निर्देश दिए थे।इसके बाद निदेशक माध्यमिक शिक्षा सरिता तिवारी ने विशेष सचिव को विस्तृत प्रस्ताव भेजा है और मानदेय भुगतान के तीन विकल्प भी शामिल किए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसमें पहला वर्तमान में मिल रहे वेतन का 50% और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक यानी डीए, दूसरा वर्तमान बेसिक भुगतान और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक यानी डीए और तीसरा एडहाक शिक्षक का वर्तमान बेसिक भुगतान व आगामी 5 वर्ष की सेवा पर 10000 से 50000 की वृद्धि कर दी जाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस तीनों विकल्प में 1 से 2 अरब से ज्यादा के व्यय भार आने की बात कही गई है। हालांकि इसमें शर्ते शामिल की गई है, इसके तहत मानदेय उन्हीं शिक्षकों को मिलेगा जिन्हें 2021-22 तक वेतन मिला है और इस समय सेवा में है। यदि किसी अध्यापक का पद चयनित अभ्यर्थी से भरा जा चुका है या विवादित होगा या वहां शिक्षक की आवश्यकता नहीं है तो तदर्थ शिक्षक को जिले के दूसरे विद्यालय में रिक्त व समकक्ष पद के प्रति मानदेय दिया जा सकता है।
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वही यदि जिले में पद न हो तो मंडल के दूसरे विद्यालय में रखकर भुगतान हो सकता है।भुगतान उन्हीं शिक्षकों को मिलेगा जो अन्यत्र कार्यरत न हो या फिर पढ़ाए विषय का परिणाम प्रदेश के परीक्षाफल से कम न हो।ऐसे में 1993 2000 तक 1135 एडहाक शिक्षक रहे हैं, जिसमें 110 प्रवक्ता व 879 सहायक अध्यापक हैं।वही वर्ष 2000 के बाद अनियमित रूप से नियुक्त 1537 शिक्षकों में से 1111एडहाक शिक्षक वेतन पर है, इनमें 206 प्रवक्ता व 905 सहायक अध्यापक हैं। प्रस्ताव में ये सभी बातें शामिल है जो कि यूपी शासन को भेजा गया है, अब अंतिम फैसला सीएम योगी आदित्यनाथ को लेना है।