हालांकि उपराज्यपाल द्वारा की गई इस घोषणा पर अब विरोध देखने को मिल रहा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा विश्वविद्यालय संख्या में सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाए जाने की कथित घटना पर नाराजगी जताई गई है। विवादास्पद जम्मू कश्मीर पब्लिक यूनिवर्सिटी बिल को तत्काल वापस लेने की मांग की जा रही है।
मामले में राष्ट्रीय सचिव का कहना है कि जम्मू-कश्मीर पब्लिक यूनिवर्सिटीज इन 2022 को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। LG सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की सेवा अवधि को 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने की घोषणा की गई है जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का निर्णय
मुख्य सचिव द्वारा कहा गया है कि सार्वजनिक विश्वविद्यालय विधेयक के मुद्दे को कमजोर करने व जम्मू-कश्मीर के सार्वजनिक विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा प्रोफेसर और अन्य कर्मचारियों को ध्यान भटकाने के लिए सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाए जाने का विरोध
वही यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है। यदि ऐसा होता है तो लाखों शिक्षित युवा बेरोजगारों ने नौकरी देने की वजह एलजी सरकार द्वारा सेवा में रह रहे लोगों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाए जाने का फैसला लिया गया है। इस कदम का विरोध किया जाएगा।
सेवानिवृत्ति आयु को 3 वर्ष के लिए बढ़ाया जाएगा
दरअसल उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा एक कार्यक्रम में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु बनाए जाने की घोषणा की गई थी। हालांकि अभी तक ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों की मांग है कि सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाया जाए। जिसको देखते हुए और विश्व विद्यालय में शिक्षकों की कमी का अनुमान लगाते हुए यह निर्णय लिया गया है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा था कि शिक्षकों की कमी दूर की जाएगी। जिसके साथ ही शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु को 3 वर्ष के लिए बढ़ाया जाएगा उसे 62 से बढ़ाकर 65 किया जाएगा।
हालांकि इस मामले में अध्यापकों के एक वर्ग का मानना है कि सेवानिवृत्ति आयु बढ़ती है तो इसका सबसे अधिक नुकसान युवा पीढ़ी को होगा शिक्षकों की कमी को फास्ट ट्रैक भर्ती प्रक्रिया से भरा जाए। वहीं यदि यह प्रक्रिया शामिल होती है तो राज्य कर्मचारी भी सेवानिवृत्ति की आयु को 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष करने की मांग करेंगे।