Women Employees-Student Leave 2023: उत्तराखंड की महिला कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। अब राज्य में महिला कर्मचारियों के प्रसूति अवकाश और बाल देखभाल अवकाश की गणना सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन योजना (एमएसीपीएस) में होगी। इसके अलावा इसका लाभ उन सभी कर्मचारियों को भी मिलेगा जो बाह्य सेवा और बाध्य प्रतीक्षा व प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं। इस संबंध में सचिव वित्त ने स्पष्टीकरण जारी किया है।
अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री) द्वारा अपर मुख्य सचिव वित्त को इस संबंध में पत्र लिखा गया था और MACP की व्यवस्था में महिला कर्मचारियों के प्रसूति अवकाश और बाल्य देखभाल अवकाश की अवधि को शामिल करने का अनुरोध किया था। शासनादेश के मुताबिक, कर्मचारियों को अब यदि किसी वर्ष के दौरान 3 माह से कम अवधि के कार्यकाल के कारण किसी वर्ष की वार्षिक गोपनीय प्रविष्ट न लिखी गई हो तो MACP दिए जाने की तिथि से पहले के 5 वर्षों की वार्षिक प्रविष्टियों का संज्ञान लिया जाएगा। यदि उस अवधि में भी उत्तम ACR का मानक पूरा न हो रहा हो तो एमएसीपी की तिथि को आगे विस्तारित किया जाएगा।
छात्राओं को मासिक धर्म और मातृत्व अवकाश
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कॉलेज छात्राओ के लिए बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के संस्थानों में सभी 18 साल से अधिक उम्र की छात्राओं को मासिक धर्म और मातृत्व अवकाश दिया जाएगा। उन्होंने इसकी जानकारी अपने ट्विटर हैंडल और फेसबुक पेज पर दी है। उन्होंने ट्वीट किया कि केरल ने एक बार फिर देश के लिए एक मॉडल पेश किया है। खास बात ये है कि देश में पहली बार ऐसा होगा, जब किसी कॉलेज में छात्राओं को मासिक धर्म अवकाश दिया जाएगा।
अब 72 प्रतिशत अटेंडेंस की आवश्यता
राज्य सरकार ने छात्राओं की उपस्थिति में दो प्रतिशत की छूट देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग ने 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुकी छात्राओं को अधिकतम 60 दिनों का मातृत्व अवकाश देने का भी निर्णय लिया है। केरल के उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने 18 साल से ऊपर की महिलाओं के लिए 60 दिनों के मातृत्व अवकाश की घोषणा करते हुए कहा कि छात्रओं के लिए आवश्यक उपस्थिति प्रतिशत मासिक धर्म अवकाश सहित 72 प्रतिशत होगा। हालांकि यह पहले 75% था। जिसके तहत अब छात्राओं को कॉलेजों में छात्रों की अपेक्षा 72 प्रतिशत अटेंडेंस की आवश्यकता होगी।