Reverse Waterfall Of Maharashtra: अपनी बेहतरीन संस्कृति, परंपरा और सभ्यता के लिए भारत दुनिया भर में अलग ही पहचान रखता है। यहां रहने वाले विभिन्न धर्म और संप्रदाय के लोग या फिर मनाए जाने वाले अलग-अलग त्यौहार, सब कुछ हमेशा पूरे विश्व के लिए कौतुहूल का विषय रहता है। पर्यटन क्षेत्र की बात की जाए तो भारत में एक से बढ़कर एक घूमने फिरने के लिए जगह मौजूद है। धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल हो एडवेंचर प्लेस या फिर नदी, पहाड़, घने जंगल ऐसी सारी जगह यहां मौजूद है, जो पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है।
मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, राजस्थान समेत देश के हर राज्य की अपनी कोई ना कोई खासियत है और यहां कई सारे पर्यटक स्थल मौजूद है, जहां देश के साथ विदेशी पर्यटकों का आना जाना भी लगा रहता है।
जब भी कोई व्यक्ति घूमने फिरने का प्लान बनाता है तो वो अपनी पसंद के हिसाब से स्थलों का चयन करता है। चलो ऐसे होते हैं जिन्हें धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल आकर्षित करते हैं, तो कुछ लोगों को एडवेंचर और भारत जैसे क्षेत्र पसंद आते हैं। वहीं कुछ लोग प्राकृतिक सुंदरता के बीच वक्त बिताना पसंद करते हैं। आज हम आपको देश के एक अनोखे वॉटरफॉल के बारे में बताते हैं जिसके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे।
हम जितने भी झरने और वाटरफॉल के बारे में सुनते हैं वह हमेशा ऊंचाई से नीचे गिरते हुए अपने पानी के वेग से हमें हैरान कर देते हैं। लेकिन आज हम जिस अनोखे वाटरफॉल की बात कर रहे हैं, उसका पानी ऊपर से नीचे की ओर जाने की बजाय नीचे से ऊपर की ओर जाता है और यही इसकी सबसे बड़ी खासियत है।
दुनिया के हर कोने में एक से बढ़कर एक मजेदार और खतरनाक वाटरफॉल मौजूद है। जिनका दीदार करने के लिए प्रकृति प्रेमी किसने किसी तरीके से यहां पर पहुंच ही जाते हैं। इस उल्टे बहने वाले धरने को देखने के लिए भी बड़ी संख्या में पर्यटकों की भीड़ यहां पर पहुंचती है और अजूबा देखकर हैरान रह जाती है।
आप किसी व्यक्ति से इस वाटरफॉल के बारे में सुनेंगे या फिर कहीं इसके बारे में पढ़ेंगे तो आपको ऐसा लगेगा कि भला ऐसा कैसे हो सकता है। क्योंकि पानी तो हमेशा ऊपर से नीचे की ओर बहता है, यह उलटी दिशा में भला कैसे जाएगा। लेकिन जब आप यहां जाने के बाद अपनी आंखों से इस दृश्य को देखेंगे तो चौंक जाएंगे और आपको इस बात पर यकीन होने लगेगा।
महाराष्ट्र में है अजूब वाटरफॉल
ये अनोखा और खूबसूरत वाटरफॉल महाराष्ट्र के कोंकण समुद्र तट और जुन्नर नगर के बीच मौजूद है। जो अपनी खासियत से किसी को भी हैरान कर देता है। लोग इसे नाने घाट और नाना घाट के नाम से पहचानते हैं।
इस जगह के बारे में यह बताया जाता है कि इस नगर की स्थापना सातवाहन वंश की ओर से की गई थी। ऐसा इसलिए क्योंकि नाणाघाट की गुफाओं में संस्कृत और ब्राह्मी भाषाओं में लेख लिखे हुए देखे जा सकते हैं।
काम नहीं करता गुरुत्वाकर्षण का नियम
जब भी हम ऊंचाई से किसी भी चीज को नीचे फेंकते हैं, तो वह गुरुत्वाकर्षण बल की सहायता से धरती पर जाकर गिर जाती है। नाना घाट में गुरुत्वाकर्षण का नियम काम नहीं करता है, यही वजह है कि यहां झरने का पानी ऊपर से नीचे नहीं बल्कि नीचे से ऊपर की ओर बहता है। जब लोग इस रिवर्स झरने को देखते हैं तो यह नजारा उन्हें हैरान कर देता है।
तेज हवा है वजह
नानाघाट में एक तरफ गुरुत्वाकर्षण बल की कमी होने की बात कही जाती है। वहीं दूसरी और यहां की हवाएं काफी ज्यादा तेज होती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक जब पानी नीचे गिरता है तो तेज हवा के बहाव के चलते ऊपर की और जाने लगता है। जिससे यह एहसास होता है कि झरना उल्टा बह रहा है। इन्हीं कारणों के चलते यह जगह अपने उल्टे बहने वाले झरने के लिए पहचानी जाती है।
अगर आप भी घूमने फिरने के शौकीन है और प्राकृतिक जगहों की सुंदरता आपको आकर्षित करती है, तो एक बार आपको यह वाटरफॉल देखने के लिए जरूर जाना चाहिए। जब आप यहां पर पहुंचेंगे तो चारों ओर फैली हुई असीम प्राकृतिक सुंदरता आपका मन मोह लेगी और उल्टे बहने वाले झरने का यह नजारा देखने के बाद आप इसे जिंदगी में कभी नहीं भूल पाएंगे।
About Author
Diksha Bhanupriy
"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है।
मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।