राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा कि उनकी संगठन का हर सरकार के साथ अच्छा समन्वय है, न कि केवल वर्तमान नरेंद्र मोदी नीत बीजेपी सरकार के साथ। उन्होंने यह बयान उस चर्चा के जवाब में दिया जिसमें आरएसएस और बीजेपी सरकार के बीच मतभेद होने की बात कही जा रही थी। भागवत ने स्पष्ट किया कि दोनों संगठनों के बीच कोई वैचारिक या कार्यप्रणालीगत टकराव नहीं है।
आरएसएस के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में नई दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भागवत ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि अगर आरएसएस को बीजेपी के नेतृत्व का फैसला करना होता तो क्या इसमें इतना समय लगता? यह बयान बीजेपी के नेतृत्व चयन और संगठन के भविष्य की रणनीति पर चल रही अटकलों के संदर्भ में आया है।
आरएसएस की विचारधारा पर प्रकाश
मोहन भागवत ने इस दौरान आरएसएस की विचारधारा और कार्यशैली पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आरएसएस का मुख्य उद्देश्य समाज के उत्थान और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना है। इसके लिए संगठन विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से काम करता है और सरकारों के साथ समन्वय बनाए रखता है।
फोकस केवल राजनीति तक सीमित नहीं
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भागवत ने यह भी जोड़ा कि आरएसएस का फोकस केवल राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के हर क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने लोगों से संगठन की शताब्दी समारोह में हिस्सा लेने और इसके मिशन को समझने की अपील की।





