नरसंहार की जांच रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपने पर बवाल, कांग्रेस ने उठाए सवाल

राज्यपाल

रायपुर, डेस्क रिपोर्ट। 8 साल पहले झीरम घाटी में हुए नक्सली नरसंहार की रिपोर्ट (Naxalite massacre report) राज्यपाल को सौंप दी गई है। रिपोर्ट सीधे राज्यपाल को सौंपी जाने को लेकर बवाल खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने इस पूरे मामले में कई सवाल खड़े किए हैं।25 मई 2013 को झीरम घाटी में हुए नक्सली नरसंहार की रिपोर्ट राज्यपाल अनसूया उईके को सौंप दी गई है। शनिवार को आयोग के सचिव और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार संतोष तिवारी ने यह रिपोर्ट राज्यपाल (Chhattisgarh Governor) अनसूया उईके को सौंपी।

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दरअसल, 8 साल पहले झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं के काफिले पर घात लगाकर हमला किया था जिसमें 29 लोगों की मौत हो गई थी और उसमें कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल सहित कई बड़े लोग मारे गए थे। इस मामले की जांच के लिए बीजेपी ने 28 मई 2013 को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया था। अब जाकरआयोग ने 10 वॉल्यूम में 4184 पेज की रिपोर्ट दी है। लेकिन इस पूरे मामले में झीरम घाटी घटना के पीड़ित शिव कुमार ठाकुर ने जांच आयोग की रिपोर्ट पर ही सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इस पूरे कांड के बारे में मुझसे एक बार भी पूछताछ नहीं की गई और ना ही कोई पत्राचार किया गया।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)