समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के संसद के पास एक मस्जिद में हाल के दौरे को लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा नेताओं ने सपा पर धार्मिक स्थल में राजनीतिक बैठक आयोजित करने और सपा सांसद डिंपल यादव के अनुचित कपड़ों में वहां मौजूद होने का आरोप लगाया है। भाजपा माइनॉरिटी मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने दावा किया कि अखिलेश ने मस्जिद को सपा का अनौपचारिक कार्यालय बना दिया। उन्होंने डिंपल यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी पोशाक इस्लामी संवेदनाओं के खिलाफ थी और वह इस मामले में एफआईआर दर्ज करेंगे।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी सपा पर संवैधानिक नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान धार्मिक स्थलों का राजनीतिक उपयोग प्रतिबंधित करता है लेकिन सपा इसका उल्लंघन करती है। सिद्दीकी ने मस्जिद में मस्ती और मजाक के साथ-साथ राष्ट्रविरोधी गतिविधियों की चर्चा होने का भी आरोप लगाया। उन्होंने ऐलान किया कि भाजपा 25 जुलाई को उसी मस्जिद में राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रगान के साथ बैठक करेगी।
सपा ने किया खंडन
सपा ने इन आरोपों का जोरदार खंडन किया है। डिंपल यादव ने कहा कि यह दौरा सपा सांसद और मस्जिद के इमाम नदवी के निमंत्रण पर था और कोई राजनीतिक बैठक नहीं हुई। उन्होंने भाजपा पर जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया जैसे बिहार में SIR, पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर। अखिलेश यादव ने भी भाजपा पर धर्म का राजनीतिक उपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सपा सभी धर्मों को जोड़ने वाली आस्था का समर्थन करती है जो भाजपा को परेशान करता है।
डिंपल यादव ने सिर ढका
सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क और कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी भाजपा की टिप्पणियों को निराधार और शर्मनाक बताया। बर्क ने कहा कि डिंपल यादव ने सिर ढका था और संभवतः फोटो लेते समय उनका दुपट्टा खिसक गया। मसूद ने डिंपल की पोशाक को भारतीय संस्कृति के अनुरूप बताते हुए भाजपा पर महिलाओं का अपमान करने का आरोप लगाया। सपा नेता राजीव राय ने तंज कसते हुए पूछा कि क्या मंदिर-मस्जिद जाने के लिए लाइसेंस लेना होगा।





