Saint Meeting in Mathura : उत्तर प्रदेश के मथुरा में सनातन धर्म संसद की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें साधु संत और धर्म आचार्य शामिल हुए। बता दें कि 16 नवंबर को दिल्ली में विशाल सनातन धर्म संसद होगा। जिसे सफल बनाने को लेकर विचार-विमर्श किया गया। साथ ही मौजूद सभी सदस्यों से वहां पहुंचने की अपील की गई।
इस बैठक का आयोजन मथुरा के वृंदावन में सुदामा कुटी आश्रम में किया गया था। जिसकी अध्यक्षता महंत सुतीक्ष्ण दास महाराज ने की, जोकि सनातन न्यास फाउंडेशन के तत्वावधान में हुआ।
सनातन न्यास फाउंडेशन के अध्यक्ष ने कही ये बात
सनातन न्यास फाउंडेशन के अध्यक्ष देवकीनंदन ठाकुर ने बैठक खत्म होने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि सभी को एकजुट होकर अपने धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा करनी चाहिए। कृष्ण जन्मभूमि, सनातन बोर्ड का निर्माण और तिरुपति बालाजी मंदिर में बंटने वाले प्रसादों में जानवरों की चर्बी मिलन निंदनीय घटना है। जिसे लेकर सख्त कदम उठाने की जरूरत है। आगे धर्मगुरु देवकीनंदन महाराज ने कहा कि वृंदावन के साधु-संत इस विषय को लेकर बेहद चिंतित है। उन्हें भविष्य की चिंता सता रही है। आने वाले समय में धर्म और संस्कृति को कैसे बचाएंगे। इसके लिए उन्हें अभी से ही सख्त कदम उठाना होगा। वहीं, स्वामी गोविंदनंद तीर्थ ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने सनातन समाज की जमीन बहुत अधिक मात्रा में कब्जा कर ली है। इसलिए जल्द-से-जल्द देश में सनातन बोर्ड के गठन की मांग रखी जाएगी।
सनातन बोर्ड का ड्राफ्ट करेंगे तैयार
मथुरा में हुई सनातन धर्म संसद की बैठक में बोले देवकीनन्दन ठाकुर, की 16 नवंबर दिल्ली में होने वाली विशाल सनातन धर्म संसद में पहुंचने की अपील, कही एकजुट होने की बात#DevkinandanThakur #SanatanBoard #NewDelhi pic.twitter.com/SuxdlFUZ7P
— MP Breaking News (@mpbreakingnews) November 4, 2024
दिल्ली में होगा सनातन धर्म संसद का आयोजन
इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि दिल्ली में 16 नवंबर को सनातन धर्म संसद है, जिसमें 25 लाख लोगों के पहुंचने की संभावनाएं हैं। आगे उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि सब लोग मिलकर आवाज उठाएं। कृष्ण जन्मभूमि पवित्र स्थल है, जिसे सुरक्षित रखना सभी की जिम्मेदारी बनती है। इसलिए अब हम सभी का मुख्य लक्ष्य स्थाई बोर्ड निर्माण करना है। इसके लिए सनातन बोर्ड का ड्राफ्ट भी जल्द ही तैयार किया जाएगा।
ये लोग रहे मौजूद
कार्यक्रम के दौरान महंत फूलडोल बिहारी दास, स्वामी सत्यमित्रानंद, महा मंडलेश्वर स्वामी राम स्वरूप दास, महा मंडलेश्वर स्वामी चित्र प्रकाशानंद, स्वामी बलरामाचार्य, महा मंडलेश्वर स्वामी कृष्णा नंद महंत देवानंद परमहंस सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।