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Thu, Dec 18, 2025

बांग्ला भाषा को विदेशी कहना शर्मनाक, सौरभ भारद्वाज ने की सख्त कार्रवाई की मांग

Written by:Vijay Choudhary
Published:
बांग्ला भाषा को विदेशी कहना शर्मनाक, सौरभ भारद्वाज ने की सख्त कार्रवाई की मांग

तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद अभिषेक बनर्जी ने दिल्ली पुलिस की एक आधिकारिक चिट्ठी पर सवाल उठाए हैं, जिसमें ‘बांग्ला’ भाषा को ‘बांग्लादेशी भाषा’ कहा गया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि यह केवल गलती नहीं बल्कि जानबूझकर बंगाली लोगों को बदनाम करने की कोशिश है। अभिषेक बनर्जी ने इसे भारतीय संविधान के खिलाफ बताया और कहा कि इससे हमारी संस्कृति और पहचान पर हमला हुआ है।

AAP नेता सौरभ भारद्वाज भी उतरे समर्थन में

दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सौरभ भारद्वाज ने भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि बांग्ला भाषा को बांग्लादेशी कहना पूरे बंगाल और भारत का अपमान है। उन्होंने लिखा, “अंग्रेजों से लड़ने वाले लाखों बंगाली स्वतंत्रता सेनानियों का यह अपमान है। इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।” सौरभ भारद्वाज ने यह बयान अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर देते हुए टीएमसी नेता के पोस्ट को टैग भी किया।

‘यह सिर्फ गलती नहीं, एक साजिश है’ – अभिषेक बनर्जी

अभिषेक बनर्जी ने इस पूरे मामले को सिर्फ लिपिकीय गलती नहीं, बल्कि एक ‘राजनीतिक साजिश’ बताया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में बंगाली भाषी लोगों को टारगेट किया जा रहा है और उनकी सांस्कृतिक पहचान को कमजोर करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि ‘बांग्ला’ को विदेशी भाषा बताना संविधान के अनुच्छेद 343 और आठवीं अनुसूची का सीधा उल्लंघन है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि ‘बांग्लादेशी’ नाम की कोई भाषा होती ही नहीं है।

जांच अधिकारी के निलंबन और माफी की मांग

टीएमसी नेता ने दिल्ली पुलिस के उस अधिकारी अमित दत्त को तुरंत निलंबित करने की मांग की, जिसने यह चिट्ठी जारी की थी। साथ ही, उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से औपचारिक सार्वजनिक माफी मांगने की बात भी कही। अभिषेक बनर्जी ने लिखा कि बंगाली अपनी ही मातृभूमि में बाहरी नहीं हैं, और इस तरह की सोच देश की एकता और विविधता के खिलाफ है।