नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। रेवड़ी कल्चर की याचिका पर आज यानि 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने सुनवाई की। करीब 45 मिनट तक मुफ़्त चुनावी वादों (free election promises) को लेकर बहस हुई। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई 24 अगस्त को करने का निर्णय लिया है। अब बुधवार को सुप्रीम कोर्ट पार्टियों द्वारा मुफ़्त चुनावी वादों पर सुनवाई करेगा। इस याचिका में पार्टियों की मुफ़्त वादों पर रोक लगाने की मांग की है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा की गरीबी में डूबे लोगों के लिए योजनाएं बहुत महत्वपूर्ण है।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा की मुफ़्त चुनावी वादों के लिए हम चुनाव आयोग को इतनी शक्ति नहीं दे सकते है। कोर्ट ने कहा की मुफ़्त चुनावी उपहार एक एहम मुद्दा है, जिसपर बहस होना भी जरूरी है। लेकिन उससे पहले यह पता लगाना जरूरी है की मुफ़्त सौगात क्या है? क्योंकि पानी, शिक्षा और सवास्थ देखभाल सौगात माना जाता है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम ने याचिका को बड़ी बेंच तक भेजने की ओर भी इशारा किया है।
सुनवाई के दौरान CJI रमन ने कहा की यह मुद्दा समाज के साथ-साथ अर्थवस्था की भलाई के लिए भी उठाया गया है। हालांकि भाजपा सहित अन्य राजनीतिक पार्टियां भी मुफ़्त चुनावी वादों के पक्ष में है। अब इस बात पर कोर्ट कल सुनवाई करेगा। वहीं वकील विकास सिंह ने कहा की मुफ़्त वादों के कारण देश दिवालिया होने की कगार पर है। उन्होनें यह भी कहा की सत्ता की चाह में सभी पार्टी मुफ़्त योजनाओं का ऐलान कर देते हैं। यह स्थिति किसी दिन देश को दिवालिया होने की स्थिति तक पहुंचा सकती है।
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वहीं अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका को खारिज करने की बात करते हुए कहा की, ” कोई कमेटी यह तय कैसी कर सकती है की क्या मुफ़्त है क्या नहीं? कोर्ट को इस याचिका पर सुनवाई की करनी चाहिए। अनुच्छेद 19 (2) के तहत हमें चुनाव के पहले बोलने की पूरी आजादी है।”