School Holiday : स्कूली छात्रों के लिए राहत भरी खबर है। दरअसल सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों को बारिश के मौसम में स्कूल आने जाने में हो रही मुश्किलों को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा बड़ा फैसला लिया गया है।
उत्तराखंड के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में छात्रों को बारिश के दिनों में अवकाश लागू करने की घोषणा की गई। शिक्षा मंत्री द्वारा हुई इस घोषणा के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ विचार विमर्श किया जा रहा है। इस पर सहमति बन गई है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रस्ताव पर सभी लोगों की राय ली जाएगी।

सभी लोगों की राय लेने के बाद से विधिवत रूप से कैबिनेट में पेश किया जाएगा। दरअसल उत्तराखंड में लगातार हो रही प्राकृतिक आपदाओं और मानसून के दिनों में भूस्खलन की चेतावनी को देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है। राज्य के आपदा के प्रति संवेदनशील पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के दिनों में भूस्खलन नदी नालों में उपमान और कई गुना अधिक खतरे को देखते हुए यह निर्णय लिया जा सकता है। बता दें कि से पहले पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में पर्वतीय क्षेत्रों में 22 जून से 29 जुलाई तक के लिए मानसून घोषित किया गया था।
तैयार किया जाएगा अंतिम प्रस्ताव
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित मेधावी सम्मान समारोह में छात्र-छात्राओं द्वारा इस समस्या को रखा गया था। जिस पर विचार विमर्श किया गया छात्रों का कहना है कि बारिश के दिनों में स्कूल आने जाने में दिक्कत होती है। जिसकी वजह से इस अवकाश पर विचार किया जा रहा है।
मामले में शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक बच्चे को सुरक्षित माहौल देना सरकार की जिम्मेदारी है। गर्मियों के अवकाश के दिन कम कर मानसून के 10 से 15 दिन का अवकाश लागू करने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए अभिभावकों शिक्षकों से राय के बाद अंतिम प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। इसके लिए छात्र अभिभावकों सहित मंत्रियों से विचार विमर्श किया जाएगा और इस पर आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
हिमाचल में भारी बारिश को देखते हुए स्कूलों में अवकाश
इधर घोषित किया जा सकता है। बरसात के दिनों में बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूल विभाग ने उन्हें स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी रखने का फैसला लिया है। जो बरसाती नालों के आसपास बने हैं। संबंध में मुख्य शिक्षा अधिकारी की ओर से खंड शिक्षा अधिकारी और उप जिलाधिकारी को आपस में संबंध में से तत्काल अवकाश घोषित करने के लिए अधिकृत किया गया है। प्रधानाचार्य और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को आपदा के संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी को सूचित करना होगा।
मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार के मुताबिक जिले में कई ऐसे स्कूल है जो बरसाती नालों के आसपास बने हुए हैं। नदी पार कर बच्चों को स्कूल पहुंचना पड़ता है लेकिन बरसात के दिनों में नदी नालों में उफान होने की वजह से छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग द्वारा बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जिसके बाद नदियों के जलस्तर बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी और उप जिलाधिकारी खंड और तहसील स्तर पर स्कूल में तत्काल अवकाश घोषित कर सकेंगे।