School Holiday : छात्रों के लिए राहत भरी खबर, छुट्टियां बढ़ी, जानें कितने दिन बंद रहेंगे और कब खुलेंगे स्कूल?

कश्मीर में भीषण गर्मी के चलते शिक्षा विभाग ने स्कूल की छुट्टियों को आगे बढ़ा दिया है। अब स्कूल जुलाई में खुलेंगे।इसके अलावा यूपी दिल्ली समेत कई राज्यों में भी 30 जून तक स्कूल बंद रहेंगे। आईए जानते है किस राज्य में कितने दिन स्कूल बंद रहेंगे और कब खुलेंगे...............

मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ बिहार समेत कई राज्यों में 15 जून से स्कूल खुल गए है लेकिन कई राज्यों में दिल्ली यूपी जैसे राज्यों में 1 जुलाई से स्कूल खुलेंगे।इधर भीषण गर्मी के चलते कश्मीर में जुलाई के पहले हफ्ते तक स्कूल बंद रहेंगे।

कश्मीर संभाग में संचालित उच्चतर माध्यमिक स्तर तक के सभी सरकारी और मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में 7 जुलाई तक अवकाश रहेगा । श्रीनगर नगर पालिका सीमा क्षेत्रों में स्कूल का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक होगा और श्रीनगर नगर पालिका सीमा से बाहर के स्कूलों के मामले में, स्कूल सुबह 8:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक काम करेंगे।

इन राज्यों में 30 जून तक बंद रहेंगे स्कूल

  • यूपी परिषदीय विद्यालयों में 30 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश रहेगा। ये विद्यालय एक जुलाई से खुलेंगे। यह आदेश बेसिक शिक्षा परिषद् के नियंत्रण में आने वाले स्कूलों और मान्यता प्राप्त विद्यालयों पर लागू होंगे।
  • दिल्ली के स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां 11 मई से जारी है और 30 जून को खत्म होंगी। हालांकि, शिक्षकों को 28 जून से स्कूलों में रिपोर्ट करना होगा।वही हरियाणा
  • ,पंजाब राजस्थान में भी 30 जून तक सभी प्रायवेट व सरकारी स्कूल बंद रहेंगे।

जुलाई से दिसंबर 2025 के बीच कितने दिन बंद रहेंगे

  • 6 जुलाई को मुहर्रम
  • 9 अगस्त रक्षाबंधन
  • 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस
  • 16 अगस्त जन्माष्टमी
  • 27 अगस्त गणेश चतुर्थी
  • 5 सितंबर ओणम और ईद-ए-मिलाद
  • 29 सितंबर महासप्तमी 30 सितंबर- महाअष्टमी
  • 1 अक्टूबर महानवमी
  • 2 अक्टूबर महात्मा गांधी जयंती और दशहरा स्कूल
  • 7 अक्टूबर महर्षि वाल्मिकी जयंती
  • 20 अक्टूबर नरक चतुर्दशी दिवाली
  • 22 अक्टूबर गोवर्धन पूजा
  • 23 अक्टूबर भाई दूज
  • 5 नवंबर गुरु नानक जयंती
  • 24 नवंबर गुरु तेग बहादुर का शहीदी दिवस
  • 25 दिसंबर क्रिसमस
  • इसमें रविवार और जयंती की छुट्टियां शामिल नहीं है।

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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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