कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने के दावे को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत को कभी किसी मध्यस्थता की जरूरत नहीं पड़ी, क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन ही भारत ने स्पष्ट कर दिया था कि उसका निशाना केवल पाकिस्तान में आतंकी ढांचा है। थरूर ने कहा, “हमने कहा था कि हम केवल आतंकवादियों को निशाना बना रहे हैं। अगर पाकिस्तान हमला करता है तो हम जवाब देंगे। अगर वे रुकते हैं तो हम भी रुकेंगे। जब पाकिस्तान ने हमारे डीजीएमओ को फोन कर युद्धविराम की बात कही तो हमने सहमति दे दी।”
भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जिसका उद्देश्य 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाना था जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। 10 मई को दोनों देशों के बीच चार दिनों की तीव्र सीमा पार ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद युद्धविराम पर सहमति बनी। भारत ने लगातार कहा है कि यह समझौता दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत से हुआ।
‘भारत ने कोई मदद नहीं मांगी‘
शशि थरूर ने कहा कि अगर वाशिंगटन ने इस्लामाबाद या रावलपिंडी को तनाव कम करने के लिए मनाया तो भारत को इसके लिए आभार व्यक्त करना चाहिए, लेकिन भारत ने इसके लिए कोई मदद नहीं मांगी। उन्होंने कहा, “हम नहीं मानते कि हमारे और पाकिस्तान के बीच कोई मध्यस्थता कर सकता है। अगर ट्रंप ने पाकिस्तानी जनरलों पर दबाव डाला और कहा कि तनाव न बढ़ाएं तो हम इसका सम्मान करते हैं, हालांकि हमने इसके लिए नहीं कहा।”
वाशिंगटन की मध्यस्थता का दावा
10 मई को ट्रंप ने सोशल मीडिया पर दावा किया था कि भारत और पाकिस्तान ने वाशिंगटन की मध्यस्थता के बाद पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमति जताई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कहा था कि किसी भी देश के नेता ने भारत को ऑपरेशन सिंदूर रोकने के लिए नहीं कहा।





