Fri, Dec 26, 2025

‘2800 कुत्तों को मारा और बच्चों की सुरक्षा के लिए जेल भी चला जाऊंगा’, कर्नाटक के नेता का चौंकाने वाला दावा

Written by:Mini Pandey
Published:
कर्नाटक लोकायुक्त जस्टिस बीएस पाटिल ने बेंगलुरु की नागरिक निकाय, बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) को आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने में नाकामी के लिए फटकार लगाई है।
‘2800 कुत्तों को मारा और बच्चों की सुरक्षा के लिए जेल भी चला जाऊंगा’, कर्नाटक के नेता का चौंकाने वाला दावा

जनता दल सेक्युलर (JDS) के एमएलसी एसएल भोजेगौड़ा ने कर्नाटक विधान परिषद में एक चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि बच्चों की सुरक्षा के लिए उन्होंने चिकमंगलूर में 2,800 आवारा कुत्तों को जहर देकर मारा और उन्हें नारियल के पेड़ों के नीचे दफनाया। भोजेगौड़ा ने कहा, “हमने मांस में कुछ मिलाकर लगभग 2800 कुत्तों को खिलाया बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरत पड़े तो जेल भी जाएंगे।” उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कर्नाटक को आवारा कुत्तों के खिलाफ कार्रवाई करने वाला पहला राज्य बनाने की मांग की।

दक्षिणी राज्यों में पिछले एक दशक से आवारा कुत्तों की बड़े पैमाने पर हत्या की खबरें समय-समय पर सामने आती रही हैं। हाल ही में बेंगलुरु में दो कॉलेज छात्रों पर कुत्तों के हमले के बाद यह मुद्दा फिर से चर्चा में आया। एमएससी के इन छात्रों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। इसके अलावा, कोडिगेहल्ली में एक 70 वर्षीय व्यक्ति की आवारा कुत्तों के हमले में मौत हो गई थी और हुब्बल्ली में तीन साल की बच्ची पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था।

नाकामी के लिए फटकार

कर्नाटक लोकायुक्त जस्टिस बीएस पाटिल ने बेंगलुरु की नागरिक निकाय, बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) को आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने में नाकामी के लिए फटकार लगाई है। उन्होंने बताया कि बीबीएमपी ने आक्रामक कुत्तों के लिए ऑब्जर्वेशन होम स्थापित करने के पिछले निर्देशों का पालन नहीं किया। इस बीच, दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाने और शेल्टर में रखने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने कड़ा विरोध जताया है।

विचार करने का आश्वासन

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई ने इस मुद्दे पर विचार करने का आश्वासन दिया है। कर्नाटक में बढ़ते कुत्तों के हमलों और आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर चल रही बहस ने एक बार फिर इस संवेदनशील मुद्दे पर ध्यान खींचा है। भोजेगौड़ा के बयान ने जहां कुछ लोगों का समर्थन हासिल किया है, वहीं पशु प्रेमियों ने इसे क्रूर और गैरकानूनी बताते हुए कड़ी निंदा की है।