भारतीय रेलवे (Indian Railways) का इतिहास जितना ज्यादा पुराना है, उतना ही अधिक मजेदार भी है। यहां हर वर्ग के यात्री सफर करते हैं। यह बेहद आरामदायक और सस्ता माध्यम माना जाता है। यह पूरे विश्व में यह चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। देश भर के अलग-अलग हिस्सों के लिए लगभग 1300 से अधिक ट्रेन रोजाना संचालित की जाती है, जिसमें सभी के रूट अलग-अलग होते हैं। शहर, क्षेत्रफल और लोगों की सुविधाओं के अनुसार रेलवे स्टेशन और उनके स्टॉपेज तय किए जाते हैं। भारत में राजधानी, दुरंतो, वंदे भारत, शताब्दी, एक्सप्रेस, मेल, सुपरफास्ट, आदि चलाई जाती है।
देश के हर राज्य में लोकल ट्रेन और मालगाड़ियों की अपनी अलग भूमिका होती है और यह अपने अलग महत्व के लिए जाना जाता है। हर राज्य की लोकल ट्रेन वहां की लाइफ लाइन मानी जाती है। हालांकि, आज हम आपको भारत का मिनी ट्रेन से रुबरु करवाने जा रहे हैं।

भारत का मिनी ट्रेन
इस ट्रेन में अक्सर स्थानीय लोग सवार होकर अपने गंतव्य तक जाते हैं। जिसमें कुछ पैसेंजर्स ऐसे होते हैं, जो कि रोज सफर करते हैं, तो कुछ यात्री ऐसे हैं जो जरुरत पड़ने पर ही इस ट्रेन में सफर करते हैं। इसके अलावा, कुछ लोग ऐसे हैं, जो खासकर इस छोटे ट्रेन और लाजवाब सफर का आनंद उठाते हैं। आज हम आपको भारत की एक ऐसी ट्रेन के बारे में बताने जा रहे हैं, जो सिर्फ तीन डिब्बों के साथ चलती है। इसे भारत का मिनी ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है।
40 मिनट में पूरा हो जाता है सफर
बता दें कि यह ट्रेन केवल 9 किलोमीटर का सफर तय करती है, जिसे पूरा करने में लगभग 40 मिनट का समय लगता है। यह ट्रेन डीईएमयू (DEMU) सेवा है, जो केरल में संचालित की जाती है। यह कोचिंग हार्बर टर्मिनस से चलकर एर्नाकुलम जंक्शन तक जाती है। इस दौरान यह केवल एक स्टेशन पर ही रुकती है। इसका रूट समुद्र के किनारे से होकर गुजरता है। ऐसे में इस ट्रेन में यात्रा करने वाले पेसेजंर्स को प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव मिलता है। यह ट्रेन दिन भर में 2 बार चलाई जाती है।
300 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था
सुबह और शाम में संचालित होने के कारण इस ट्रेन में स्थानीय लोग ज्यादा सफर करते हैं। वह इस छोटे रुट पर डेली ट्रैवल करते हैं, जिन्हें एक शहर से दूसरे शहर जाना होता है। 3 कोच वाली ट्रेन में लगभग 300 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस ट्रेन में रोजाना 30 से भी कम टिकट बिकते हैं। यह भारत का सबसे छोटा ट्रेन के रूप में प्रसिद्ध है। लंबाई में कम और सीमित दूरी के कारण यह अपने आप में अनोखा ट्रेन है। समुद्र के किनारे से होकर गुजरने के कारण यह लोगों के बीच प्रसिद्ध है।