दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा सोनिया गांधी को नोटिस जारी किए जाने पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने इसे सरासर झूठा आरोप बताया है। मंगलवार को अदालत ने इस मामले में सोनिया गांधी और दिल्ली पुलिस को जवाब दाखिल करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी 2026 को होगी
याचिकाकर्ता विकास त्रिपाठी ने कोर्ट में एक रिवीजन पिटीशन दायर की है जिसमें उन्होंने एक मजिस्ट्रेट अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है जिसने सोनिया गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से इनकार किया था। उनका कहना है कि आरोप है कि सोनिया गांधी का नाम 1980-81 के मतदाता सूची में शामिल था, जबकि उन्होंने भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को प्राप्त की थी। इस आधार पर याचिकाकर्ता का कहना है कि इस सूची में उनके नाम के शामिल होने में अनियमितता या फर्जी दस्तावेज के इस्तेमाल किया गया हो सकता है।
प्रियंका गांधी ने सारे आरोपों को झूठा बताया
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया गांधी को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है। इस बारे में उनकी बेटी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये सरासर झूठा आरोप है। एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि “क्या उनके पास इसके प्रमाण है। ये बिलकुल झूठ है। उन्होंने वोट तब डाला जब वो भारत की नागरिक बनीं। ये आरोप लगाने वाले प्रमाण दिखाएं।” प्रियंका गांधी ने कहा कि सोनिया गांधी अब अस्सी साल की होने वाली हैं और इस उम्र में तो कम से कम लोग उन्हें छोड़ दें। उन्होंने कहा कि “पूरी उम्र उन्होंने देश की सेवा की है। पता नहीं क्यों लोग उनके पीछे पड़े हुए हैं।”
ये है मामला
यह विवाद दशकों पुराना है लेकिन हाल ही में फिर से सुर्खियों में आ गया है। याचिकाकर्ता विकास त्रिपाठी ने सितंबर 2025 में मजिस्ट्रेट कोर्ट में शिकायत दर्ज की थी जिसमें सोनिया गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और जालसाजी की जांच करने की मांग की गई थी। हालांकि, एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने 11 सितंबर को इस शिकायत को खारिज कर दिया था लेकिन विकास त्रिपाठी ने इस मामले में रिवीजन पिटीशन दाखिल की। मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस एक याचिका पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि सोनिया गांधी का नाम 1980-81 की मतदाता सूची में गलत तरीके से शामिल किया गया था, जबकि उन्होंने भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को प्राप्त की थी। कोर्ट ने सोनिया गांधी और दिल्ली पुलिस से इस पर जवाब मांगा है।





