नीतीश जी ने अपने तरीके से बात कही है; नीतीश कुमार के बयान के समर्थन में आईं सपा नेता डिंपल यादव, बोलीं सेक्स एजुकेशन पर खुलकर बात होनी चाहिए

Shashank Baranwal
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Dimple Yadav Support Nitish Kumar

Dimple Yadav Support Nitish Kumar: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को बिहार विधानसभा में सेक्स एजुकेशन पर बयान दिया था। जिसको लेकर सियासी गलियारे में हलचल तेज हो गई है। लगातार इस बयान को लेकर उनका विरोध हो रहा है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी और मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव ने नीतीश कुमार का समर्थन किया है। उन्होंने नीतीश कुमार के बयान पर कहा कि इसमें कुछ गलत नहीं है।

नीतीश जी ने अपने तरीके से कही बात

बता दें सपा नेता डिंपल यादव गुरुवार को यूपी के झांसी जिले पहुंची थी। जहां उन्होंने नीतीश कुमार का समर्थन करते हुए कहा कि नीतीश कुमार के बयान में कुछ गलत नहीं है। वो सेक्स एजकेशन पर बोल रहे थे। आमतौर पर इस मामले में लोग खुलकर नहीं बोलते हैं। उन्होंने अपने तरीके से बात कही है। इसमें कुछ गलत नहीं है। साथ ही कहा कि भारत की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। इस पर खुलकर बात करना चाहिए। इस मामले पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरा पूरा समर्थन है।

नीतीश ने मांगी थी माफी

मंगलवार को बिहार विधानसभा में सेक्स एजुकेशन के मामले में दिए गए बयान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को माफी मांग ली थी। उन्होंने कहा था कि मेरे बयान से अगर किसी को दुख हुआ है तो हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं। इस दौरान उन्होंने कहा था कि बयान किसी को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं दिया था। वहीं उन्होंने बिहार विधानसभा में कहा था कि मैं अपने बयान की निंदा करता हूं। इसके साथ ही कहा था कि अगर मेरी बातों से अगर दुख हुआ है तो मैं अपनी बात वापस लेता हूं। मैं सिर्फ प्रजनन दर की कमी को समझाने के लिए बात कही थी। मैं महिलाओं के उत्थान के लिए हमेशा से काम करते आया हूं और महिलाओं का सम्मान करता हूं। उन्होंने कहा था कि मेरे बयान को गलत तरीके से लिया गया है।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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