Government Employees : बिहार की नीतिश कुमार सरकार ने रमजान को देखते हुए मुस्लिम कर्मचारियों के हित में बड़ा फैसला किया है। इसके तहत अब रमजान के महीने में मुस्लिम सरकारी कर्मचारी निर्धारित समय से एक घंटे पहले ऑफिस आएंगे और घंटा भर पहले घर जा सकेंगे। इससे उन्हें रोजा खोलने में सहूलियत होगी।
सामान्य प्रशासन विभाग का आदेश जारी
इस संबंध में बिहार सरकार ने रमजान के मौके पर मुस्लिम कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए यह आदेश जारी कर दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में अपने एक तीन साल पुराने आदेश को शुक्रवार को सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, प्रमंडलीय आयुक्त व जिला पदाधिकारी को फिर से जारी किया। आदेश में यह भी कहा गया है कि यह आदेश स्थायी रूप से प्रत्येक वर्ष के लिए प्रभावी रहेगा।यह आदेश संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों पर भी लागू होगा।
सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक, सरकार ने रमजान के महीने में मुस्लिम कर्मचारियों और अधिकारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। आदेश में कहा गया है। रमजान की अवधि में मुस्लिम अधिकारियों और कर्मियों को एक घंटा पहले ऑफिस आने की अनुमति होगी और तय वक्त से एक घंटे पहले वो ऑफिस से जा सकेंगे। यह आदेश स्थायी रूप से हर साल के लिए प्रभावी रहेगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि जहां बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू है, वहां भी इसी आदेश के हिसाब से उनकी हाजिरी लगेगी यानी मुस्लिम कर्मचारी एक घंटे पहले अटेंडेंस लगा सकेंगे।
बता दें कि आगामी चुनाव से पहले नीतीश कुमार व तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली बिहार सरकार के इस फैसले को मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। इसे लोकसभा चुनाव 2024 से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि इस तरीके के जरिए मुस्लिम वोटरों को लुभाया जा सकता है।खास बात ये है कि सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि सरकार का आदेश हर साल रमजान के महीने में स्थायी तौर पर लागू रहेगा।
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Pooja Khodani
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
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मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।।
दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)