राज्य सरकार का बड़ा फैसला, पुजारियों का मानदेय बढ़ाया, कैबिनेट की मंजूरी, अब खाते में आएगी इतनी राशि

राजस्थान मंत्रिपरिषद बैठक में देवस्थान विभाग के मंदिरों में भोग के लिए हर महीने 1500 से बढ़ाकर 3000 रुपये और अंशकालीन पुजारियों के मानदेय में वृद्धि करते हुए इसे ₹7,500 प्रति माह कर दिया गया।

Pooja Khodani
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 Rajasthan Honorarium Hike  : राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने पुजारियों को बड़ा तोहफा दिया है।राज्य सरकर ने अंशकालीन पुजारियों के मानदेय वृद्धि और देवस्थान विभाग के मंदिरों में भोग के लिए राशि बढ़ाने का फैसला किया है।

दरअसल, शनिवार को महाकुम्भ में संगम स्थल पर स्नान के बाद प्रयागराज स्थित राजस्थान मंडपम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की गई। 144 वर्ष के अंतराल पर हो रहे महाकुंभ के दौरान आयोजित इस बैठक में देवस्थान विभाग से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय किए गए।

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जानें कितना बढ़ा पुजारियों का मानदेय बढ़ा

  • मंत्रिपरिषद की बैठक में देवस्थान विभाग के प्रत्यक्ष प्रभार श्रेणी के 390 मंदिरों एवं आत्म निर्भर श्रेणी के 203 मंदिरों में सेवा पूजा, भोग, प्रसाद, उत्सव, पोशाक, जल एवं प्रकाश, सुरक्षा संचालन व्यवस्था आदि के लिए भोगराग को दोगुना करते हुए 3 हजार रुपए प्रति मंदिर प्रति माह किया।
  • देवस्थान विभाग में प्रत्यक्ष प्रभार एवं आत्म निर्भर मंदिरों में कार्यरत अंशकालीन पुजारियों को दिए जा रहे मानदेय को 5 हजार रुपए से बढ़ाकर 7500 रुपए प्रतिमाह करने की स्वीकृति ।

पंजाब : हर महीने की 7 तारीख को आएगी सैलरी

  • पंजाब के डायरेक्टोरेट ऑफ स्कूल एजुकेशन (सैकेंडरी) ने सभी एडिड स्कूल प्रबंधनों और जिला शिक्षा अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि एडिड स्कूलों में कार्यरत कर्मचारियों को हर महीने की 7 तारीख तक वेतन भुगतान किया जाए। वर्तमान में एडिड कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग के संशोधित वेतनमान के अनुसार ही वेतन दिया जाए।
  • आवश्यक दस्तावेजों को संबंधित अधिकारियों से प्रमाणित करवाकर विभाग से रिइंबर्समैंट (प्रतिपूर्ति) का दावा किया जाए।ये निर्देश ‘एजुकेशन एंड फॉर प्राइवेटली मैनेज्ड एम्प्लॉइज’ के अनुच्छेद-67 (मोड ऑफ पेमैंट) के तहत जारी किए गए हैं ।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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