Promotion : दशहरे से पहले इन पुलिस अफसरों को प्रमोशन का तोहफा, पीपीएस से बनेंगे आईपीएस, देखें लिस्ट

इस बैठक में वर्ष 2023 से रिक्त चल रहे 24 पदों पर प्रोन्नति के लिए वर्ष 1995 व 1996 बैच के अपर पुलिस अधीक्षकों के नामों पर विचार किया गया।

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PPS Promotion 2024 : दिवाली से पहले उत्तर प्रदेश के प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) संवर्ग के कई अधिकारियों को प्रमोशन का तोहफा मिला है। प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) संवर्ग के 24 अधिकारियों को जल्द आईपीएस संवर्ग में प्रोन्नति मिलेगी।हालांकि 1993 बैच के पीपीएस अधिकारी संजय यादव का लिफाफा बंद होने के कारण उनके नाम पर विचार नहीं किया गया है।सुत्रों की मानें तो एक जांच लंबित होने की वजह से उनके प्रमोशन के बाबत लिफाफा बंद रखा गया ।

जानकारी के अनुसार, सोमवार को लोकभवन में लोकसेवा आयोग सदस्य, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, डीजीपी प्रशांत कुमार और प्रमुख सचिव गृह दीपक कुमार की मौजूदगी में विभागीय प्रोन्नति कमेटी (डीपीसी) की बैठक हुई है।इस बैठक में वर्ष 2023 से रिक्त चल रहे 24 पदों पर प्रोन्नति के लिए वर्ष 1995 व 1996 बैच के अपर पुलिस अधीक्षकों के नामों पर विचार किया गया।जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी किए जाएंगे। इधर, अपर पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव के नाम पर  भी फिलहाल विचार नहीं किया गया।

ये अफसर बनेंगे आईपीएस

लिस्ट में अजय प्रताप, नेपाल सिंह, शिवराम यादव, अशोक कुमार, विश्वजीत श्रीवास्तव, अभिसूचना मुख्यालय में तैनात रश्मि रानी , बाराबंकी के एएसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा , बजरंग बली, डॉ. दिनेश यादव, समीर सौरभ, मो. इरफान अंसारी, अजय प्रताप, नेपाल सिंह, अनिल कुमार, कमलेश बहादुर, राकेश कुमार सिंह, लाल भरत कुमार पाल,अनिल कुमार यादव, संजय कुमार, शैलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, लक्ष्मी निवास मिश्र, राजेश कुमार श्रीवास्तव, मनोज कुमार अवस्थी, अमृता मिश्रा, रोहित मिश्रा, शिवराम यादव, और दीपेंद्र नाथ चौधरी का नाम शामिल हैं।

इन्हें नहीं मिलेगा पदोन्नति का लाभ

  • गौरतलह है कि यूपी में आईपीएस कैडर के 33 फीसदी पद में ही पीपीएस को प्रोन्नती देकर भरा जाता हैं, लेकिन जिन पीपीएस अधिकारीयों की उम्र 56 वर्ष से अधिक हो जाती है, उनका नाम डीपीसी के लिए नहीं भेजा जाता है। यही कारण है कि 1991 से लेकर 1997 तक के 30 पीपीएस अफसर बिना आईपीएस बने ही रिटायर हो गए ।
  • मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार भी धर्मेन्द्र सचान, डॉ. मनोज कुमार, पुत्तू राम, सतीश चंद्र, शंभूशरण यादव,दिगंबर कुशवाहा, मोहम्मद इरफान अंसारी, त्रिभुवन राम त्रिपाठी, अरविंद कुमार पांडेय, अजय प्रताप, नैपाल सिंह, प्रेमचंद्र, सुभाष चंद्र गंगवार, बलरामचारी दुबे,अशोक कुमार, डॉ. संजय कुमार, महेंद्र कुमार, अखिलेश नारायन सिंह, अशोक कुमार वर्मा, राजेश कुमार सोनकर, अजय कुमार सिंह, अशोक कुमार सिंह, रमेश कुमार भारतीय, सत्यपाल सिंह, शिष्य पाल, रफीक अहमद के नाम डीपीसी में नहीं भेजे गए थे, क्योंकि ये 56 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं, ऐसे में इनकी प्रोन्नती नहीं हो सकेगी और ये अफसर बिना आईपीएस बने ही रिटायर हो जाएंगे।

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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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