Employees Promotion, Nitish Cabinet Meeting : दशहरा से पहले नीतीश सरकार द्वारा राज्य कर्मचारियों के प्रमोशन पर कैबिनेट की बैठक में महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। 13 अक्टूबर को हुई कैबिनेट की बैठक में 8 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट में प्रमोशन पर आरक्षण का मामला विचार अधीन होने के बावजूद सरकारी सेवकों को प्रमोशन देने का निर्णय लिया गया है। लंबे समय से कर्मचारी पदाधिकारी के प्रमोशन को रोक कर रखा गया था।
वही आज हुई नीतीश कैबिनेट की बैठक में कर्मचारियों को प्रमोशन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। राज्य सरकार द्वारा निर्णय लिया गया कि किसी एक पद के लिए 100% में 16% अनुसूचित जाति और एक प्रतिशत अनुसूचित जनजाति यानी 17% को सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के आलोक में फ्रिज किया जाएगा और बाकी 83% में भी 16% अनुसूचित जाति और एक प्रतिशत अनुसूचित जनजाति को आरक्षण दिया जाएगा। इसके बाद देखकर सामान्य प्रमोशन देने का भी निर्णय लिया गया है।
एससी एसटी कर्मचारी को कोटा के अंदर कोटा
प्रमोशन में एससी एसटी कर्मचारी को कोटा के अंदर कोटा दिया गया है। बता दे साल 2016 से सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन पर रोक लगाई गई है। एससी एसटी के 17% पर रिजर्व रखकर प्रमोशन देने का फैसला अब कैबिनेट की बैठक द्वारा लिया गया है।। सरकार के फैसले से पुलिस शिक्षक सहित 5 लाख सरकारी सेवकों को महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा। एससी बर्ग के कर्मचारियों को 16% और एसटी वर्ग के कर्मचारियों के लिए एक प्रतिशत को फ्रिज रखा जाएगा।
कैबिनेट सचिव एस सिद्धार्थ के मुताबिक जिस विभाग में जिस पद पर 17% अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति नहीं रहेंगे, उतनी पद को फिलहाल रिक्त छोड़ दिया जाएगा। इसका निर्णय राज्य सरकार आगे लेगी। 2016 से पदाधिकारी और कर्मचारियों के प्रमोशन पर रोक रहने के बाद कर्मचारी लंबे समय से वैकल्पिक रास्ते की मांग कर रहे थे। अब कैबिनेट में वैकल्पिक रास्ता तैयार किया गया है। जातीय जनगणना की सूची जारी होने के बाद बिहार सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया है।
बता दे कि अभी एससी एसटी आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचार अधीन है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सामान्य प्रमोशन का लाभ सभी कर्मचारियों को दिया जाएगा। कैबिनेट सचिव के मोब जब सुप्रीम कोर्ट का जो निर्णय आएगा, उस निर्णय के आलोक में काम किया जाएगा। अगर जिन्हें प्रमोशन मिला है, कोर्ट के निर्देश में प्रमोशन नहीं करने वाला होगा तो जिस पद पर पूर्व कर्मचारी था, उसे उस पद पर वापस लाया जा सकेगा।