भारत का हर एक शहर अलग-अलग महत्व के लिए जाना जाता है। पूरब से लेकर पश्चिम तक… उत्तर से लेकर दक्षिण तक… हर कोने में स्थित शहर देश के विकास से लेकर लोगों के लिए अपनी अलग भूमिका निभाता है। कुछ शहर सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है, तो कुछ शहर अपने आप में इतिहास समेटे हुए हैं। कुछ शहर उद्योग के लिए जाना जाता है, तो कुछ शहर पर्यटकों के बीच फेमस है। कुछ शहर छात्रों के लिए पढ़ाई का गढ़ है, तो कुछ शहर महंगाई के लिए भी फेमस है।
आज के आर्टिकल में हम आपको भारत के उस जिले के बारे में बताएंगे। जिसके नाम में कोई भी मात्रा नहीं लगती है। इसके बारे में सामान्य ज्ञान के धुरंधर भी नहीं जानते होंगे।

नाम में नहीं लगती कोई मात्रा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में कुल 4000 से भी अधिक शहर है। जिनमें से 300 शहर में करीब एक लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। कुछ शहरों को स्मार्ट सिटी और मैग्नेट सिटी के नाम से जाना जाता है। वहीं, देशभर में कुल 792 जिले हैं जिसमें राज्यों में कुल 752 जिले हैं और केंद्र शासित प्रदेशों में 45 जिले शामिल है, लेकिन आज हम आपको भारत के उन जिलों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो सामान्य ज्ञान के लिहाज से भी जानना जरूरी है। वहीं, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को भी इसका जवाब पता होना चाहिए।
अलवर
दरअसल, भारत में दो ऐसे जिले हैं जिनके नाम में कोई मात्रा नहीं लगती। इनमें से एक राजस्थान का अलवर और उड़ीसा का कटक जिला शामिल है। अलवर जिला अरावली पहाड़ियों के बीच में बसा हुआ है, जहां बाला किला घूमने के लिए फेमस है। लोग यहां सालों भर पहुंचते हैं। इसका प्राचीन नाम मत्स्यनगर, अलवरपुर, उल्वर, सालवापुर, आदि रहा है।
कटक
वहीं, कटक की बात करें तो इसे उड़ीसा की व्यवसायिक राजधानी भी कहा जाता है। यहां दो नदियों का संगम भी है। यहां घूमने के लिए बराबती किला, कटक चंडी मंदिर, धवलेश्वर मंदिर, बाली मेला, आदि फेमस है। यह शहर सिल्क कांटेक्ट स्टाइल इंडस्ट्री के लिए भी प्रसिद्ध है।